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Sri Lanka की राह पर पाकिस्तान, IMF के आगे गिड़गिड़ा रहा पाक

शहबाज सरकार ने अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से चालू वित्त वर्ष में 5.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए का कर्ज लेने का निर्णय किया है ताकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार काम चलाने की स्थिति में रहे.

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Nihar Saxena
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Rana Sanaullah

आईएमएफ से राहत पैकेज नहीं मिलने पर गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह का दर्द.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पाकिस्तान (Pakistan) भी कमोबेश श्रीलंका (Sri Lanka) की राह पर चल पड़ा है. स्थिति यह आ गई है कि सभी शर्तें मानने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 6 अरब डॉलर का पैकेज जारी नहीं किया है. गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने इस पर दुख जताते हुए कहा कि पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है. ऐसे में सरकार को न चाहते हुए भी कई कड़े कदम उठाने पड़े. आईएमएफ से पैकेज की दरकार में पाकिस्तान ने सभी शर्तें मान ली, जबकि वे पाकिस्तान के हक में नहीं थीं. हम पूरी तरह से आईएमएफ की धुन पर नाच रहे थे, इसके बावजूद आईएमएफ ने पैकेज जारी नहीं किया. राणा सनाउल्लाह (Rana Sanaullah) ने आईएमएफ से अविलंब पैकेज जारी करने की अपील की है ताकि इस कठिन दौर से निकला जा सके. 

5.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से लेगा
इस बीच शहबाज सरकार ने अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से चालू वित्त वर्ष में 5.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए का कर्ज लेने का निर्णय किया है ताकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार काम चलाने की स्थिति में रहे. इस कर्ज से पाकिस्तान पुराने बकाया चुका चालू घाटे की भरपाई करने के प्रयासों में है. हालांकि शहबाज शरीफ ने सालाना बजट में अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से 3.17 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए कर्ज लेने की बात कही. हालांकि इस बजट में आईएमएफ समेत सऊदी अरब और चीन से मिलने वाली वित्तीय सहायता का कोई जिक्र नहीं था. 

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सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की दिवालिया सरीखी स्थिति के मद्देनजर बिजनेस इंवेस्टर्स ने चेतावनी दी है कि सामाजिक अशांति के हालात पैदा हो रहे हैं. इस कारण पाकिस्तान विदेशी निवेश के लिहाज से सुरक्षित देश नहीं रह जाएगा. इसके लिए सरकार की ऐसी नीतियां भी जिम्मेदार हैं जो विदेशी निवेशकों को निराश करती हैं. फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साकिब फयाज के मुताबिक पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों में निरंतरता नहीं है. आर्थिक और राजनीतिक मसलों के लिए अलग-अलग समूह होने चाहिए ताकि दोनों में निरंतरता रहे. ऐसा नहीं होने पर विदेशी और स्थानीय निवेशकों में नकारात्मक संदेश ही जाता रहेगा.

HIGHLIGHTS

  • सभी शर्तें मानने पर भी आईएमएफ ने नहीं दिया राहत पैकेज
  • गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह का छलका दर्द, फिर से की अपील
  • कहा-हम आईएमएफ की धुन पर नाच रहे पिर भी नहीं मिली राहत
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