भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को एक बार फिर करारा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर बहस के दौरान भारत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अनियंत्रित तरीके से विकसित किये जा रहे परमाणु हथियार और पाक प्रशासन द्वारा जिहादियों को दिये जा रहा समर्थन विश्व शांति के लिये बड़ा खतरा है।
कॉन्फरेंस ऑफ डिसआर्मामेंट की बैठक में पाकिस्तान की दूत तहमिना जंजुआ के बयान पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत वेंकटेश वर्मा ने जवाब देते हुए कहा, “शांति और स्थिरता के सबसे बड़ा खतरा आंतकवाद को खुला समर्थन देने से और अनियंत्रित परमाणु हथियारों के बनाने से होती है। साथ ही ये खतरा तब और बढ़ जाता है, जब सरकार और आतंकियों के बीच गहरे संबंध हो।”
भारत की तीखी प्रतिक्रिया तब आई जब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत तहमिना जांजुआ ने परमाणु अप्रसार पर चल रही चर्चा के दौरान “जम्मू-कश्मीर विवाद” का जिक्र किया। लिखे हुए बयान में जम्मू-कश्मीर का ज़िक्र नहीं किया गया था लेकिन जंजुआ ने चर्चा के दौरान इस मुद्दे को जोड़ दिया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र को याद दिलाते हुए भारत के दूत वेंकटेश ने कहा, “परमाणु प्रसार से संबंधित जो कड़ियां मिल रही है उसमें पाकिस्तान के शामिल होने के प्रमाण मिल रहे हैं।”
दरअसल, परमाणु अप्रसार पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान की दूत तहमीना जंजुआ ने भारत को दोबारा उकसाने की कोशिश की थी। उन्हेंने कहा था कि दक्षिण एशिया के सुरक्षा माहौल को भारत के वर्चस्वकारी नीतियों के कारण नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा था कि विवादों और खास तौर पर कश्मीर विवाद को सुलझाए बगैर क्षेत्रीय शांति संभव नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में भारत की वर्चस्ववादी नीतियों और सैन्य दबदबे के लिए उसकी कोशिशों से वैश्विक और क्षेत्रीय, दोनों स्तरों पर अस्थिरता पैदा हो रही है।
वेंकटेश वर्मा ने दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए कहा, “परमाणु अप्रसार पर जिस देश का लगातार अड़चनें पैदा करने का ट्रैक रेकॉर्ड रहा हो, वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वार्थ परक मुद्दे पर विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का रेकॉर्ड रहा है कि परमाणु अप्रसार के एजेंडे में पाकिस्तान सबसे बड़ी बाधा रहा है।
Source : News Nation Bureau