पाकिस्तान में मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा दे रही इमरान सरकार के लिए धार्मिक कट्टरपंथ अब खतरा गया है. इमरान सरकार में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ये साफ तौर पर मान लिया है कि पाकिस्तान को भारत और अमेरिका से नहीं बल्कि धार्मिक कट्टरपंथ से सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि देश में स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं के अंदर धार्मिक अतिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, न कि मदरसे. कुछ वर्ष पहले उन्होंने दावा किया था देश में मदरसे धार्मिक अतिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. फवाद चौधरी अब अपने बयान से पलट गए.
आतंकवाद पर हुई एक चर्चा में फवाद चौधरी ने कहा कि जिन शिक्षकों को 80 और 90 के दशक में नियुक्त किया गया, वह एक साजिश के तहत किया गया, ताकि अतिवाद की शिक्षा विद्यार्थियों को दी जा सके. उन्होंने कहा कि साधारण स्कूल-कॉलेजों के बच्चे पाक में हुई अतिवाद की कई चर्चित घटनाओं में शामिल रहे हैं.
फवाद चौधरी ने दावा किया कि देश के पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा इलाके में लगभग 300 वर्ष पहले तक अतिवाद नहीं पाया जाता था. धार्मिक अतिवाद उस समय उन हिस्सों में था जो अब भारत में हैं. इस बात पर उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि पाकिस्तान आज धार्मिक अतिवाद के गंभीर खतरे से जूझ रहा है.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद ने कहा कि हमें भारत से कोई खतरा नहीं है. हमारे पास दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी सेना है, हमारे पास परमाणु बम है. हमारा मुकाबला भारत नहीं कर सकता है. यूरोप से भी हमें खतरा नहीं है. हम आज जिस सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहे हैं, वह हमारे देश के अंदर यानी पाकिस्तान से है.
Source : News Nation Bureau