पुलवामा हमले के बाद भारत को दुनिया भर का साथ मिला जिसके बाद पाकिस्तान को ये तो समझ आ गया कि पाकिस्तान ने अगर आतंक का साथ नहीं छोड़ा तो उसे काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए अब पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ निर्णायक फैसले लेने की तैयारी कर ली है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये खबर आ रही है कि पाकिस्तान अब जैश - ए- मोहम्मद के अलावा अन्य प्रतिबंधित संगठनों पर कड़े फैसले ले सकता है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में पेश उस फैसले पर अपना विरोध वापस ले सकता है जिसमें अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की गई है.
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मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) की सुरक्षा परिषद में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने प्रस्ताव पेश किया है. मसूद पर प्रतिबंध लगाए के लिए UN में पेश किए गए प्रस्ताव पर चीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने प्रस्ताव में मसूद की विश्वभर मे जाने और उसकी सभी संपत्ति फ्रीज करने की मांग भी रखी है.
पाकिस्तान के एक अखबार में छपी एक रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि अभी यह साफ नहीं है कि किस तरह की कार्रवाई पाकिस्तान करेगा लेकिन अधिकारी ने ये जरुर साफ किया कि सरकार अपने देश के नाम को ज्यादा अहमियत देगी न कि किसी व्यक्ति या संगठन को जिनकी वजह से दुनिया में उनके देश का नाम खराब हो.
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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति की बैठक अगले 10 दिनों के भीतर होनी है. पाकिस्तान को इसी दौरान प्रस्ताव पर विचार करना है. वीटो पावर वाले तीन देशों अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा नया प्रस्ताव जारी करने के बाद अब पाकिस्तान को इस पर अपना पक्ष चुनना है. मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में यह चौथा प्रस्ताव पेश किया गया है. भारत पिछले 10 साल से जैश चीफ पर प्रतिबंध की मांग कर रहा है. 2009 में भारत ने यूएन में यह प्रस्ताव रखा था. हालांकि, सभी मौकों पर वीटो पावर रखने वाले चीन ने भारत के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया.
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Source : News Nation Bureau