पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर लगे आरोपों की जांच कर रही ज्वॉइंट इंवेसटिगेशन टीम (JIT) ने 15 मामलों को फिर से खोलने की सिफारिश की है। इसमें पांच केस पर फैसला लाहौर हाई कोर्ट पहले ही सुना चुकी है जबकि आठ में पाक पीएम के खिलाफ जांच और दो में पूछताछ हुई है।
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' के अनुसार इन 15 केसों में तीन 1994 से 2011 के बीच के पीपीपी के कार्यकाल के हैं जबकि 12 मामले जनरल परवेज मुशर्रफ के समय के हैं जब शरीफ का तख्तापलट कर जनरल ने अक्टूबर 1999 में कमान संभाल ली थी।
इनमें शरीफ परिवार से जुड़ा 18 साल पुराना लंदन में प्रॉपर्टी मामला भी शामिल है। इसकी शुरुआत पाकिस्तान की नेशनल एकॉउंटबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने की थी। इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने जेआईटी को लंदन में फ्लैट से जुड़े मामले की जांच करने को कहा था।
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जेआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कई मामलों की विस्तृत जांच के बिना ही उसे बंद कर दिया गया। शरीफ परिवार पर धन जुटाने के मामले में जेआईटी ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ कई सबूत मौजूद हैं। जेआईटी ने साथ ही कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को एनएबी से फिर से लंदन प्रोपर्टी के जांच का निर्देश देना चाहिए।
जेआईटी ने 1990 के दशक के उन मामलों की जांच की भी अनुशंसा की है जिसमें उन पर एफआईए (फेडरन इंवेस्टीगेशन एजेंसी) गलत तरीके 42 लोगों की नियुक्तियों का आरोप है।
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Source : News Nation Bureau