पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जम्मू एवं कश्मीरी लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सदस्यों को रविवार को भारत से लगती नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक जाने से रोक दिया गया. इन्हें पीओके के जिसकूल नामक स्थान पर रोका गया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इस जगह पर सुरक्षाबलों ने मिट्टी के ढेर, बिजली के पोल, कंटीली बाड़ जैसी चीजों के अलावा कंटेनर जैसे बड़े अवरोधकों को रखकर रास्ता रोक दिया है. यह जगह मुजफ्फराबाद-श्रीनगर मार्ग पर स्थित है जिसे अधिकारियों ने पहले ही सामान्य यातायात के लिए रोक दिया था.
जेकेएलएफ के केंद्रीय प्रवक्ता मोहम्मद रफीक डार ने कहा कि उनका यह 'आजादी मार्च' शांतिपूर्ण कार्यक्रम है जिसका मकसद दुनिया का ध्यान कश्मीर मसले की तरफ दिलाना है. उन्होंने कहा कि वे लोग स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से टकराव नहीं चाहते और न ही किसी तरह की हिंसा चाहते हैं क्योंकि अगर ऐसा हुआ 'तो इससे भारत के हित सधेंगे. उन्होंने अधिकारियों से अवरोधकों को हटाकर उनके मार्च को नियंत्रण रेखा से तीन किलोमीटर पहले स्थित चकोठी तक जाने देने का आग्रह किया.
पीओके के अलग-अलग स्थानों से जेकेएलएफ के सैकड़ों समर्थक व सदस्य बीते तीन दिनों से एलओसी की तरफ मार्च कर रहे हैं. शनिवार को वे गढ़ी दुपट्टा नामक जगह पर पहुंचे और रविवार को सुबह लगभग दस बजे उन्होंने वाहनों से और बाद में पैदल चखोटी की तरफ प्रस्थान किया. अपरान्ह सवा तीन बजे वे चिनारी नामक जगह पर पहुंचे. यह जगह एलओसी से ग्यारह किलोमीटर पहले पड़ती है.
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जिसकूल नाम की जिस जगह पर इन प्रदर्शनकारियों को रोका गया है, वह चिनारी से दो किलोमीटर आगे है. प्रदर्शनकारी यहीं पर कंटेनरों के सामने बैठे हुए हैं. सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट से पता चल रहा है कि स्थानीय लोगों ने मार्च में शामिल लोगों का जगह-जगह स्वागत किया. कंटेनरों के दूसरी तरफ, जिधर से एलओसी तक का आगे का रास्ता जाता है, पुलिस अधिकारी व सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं. अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया गया है और उन्हें लौटने के लिए समझाया जाएगा.
अधिकारियों ने कहा कि इन्हें किसी भी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा क्योंकि 'आगे फायरिंग प्रभावित क्षेत्र है और भारत की तरफ से इन पर व नागरिकों पर फायरिंग की जा सकती है. वह आखिरी बिंदु जहां तक इन्हें आने की इजाजत है, वह जिसकूल है. यहां से इन्हें आगे जाने देने का सवाल ही नहीं उठता.'
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जेकेएलएफ सदस्यों का कहना है कि 'एलओसी जबरन खींची गई खूनी रेखा है जिसने कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया है. वे इस रेखा को रौंदकर दोनों कश्मीर को जोड़ेंगे.' हालांकि, पाकिस्तानी शासक समझ रहे हैं कि इस गैरकानूनी हरकत पर भारत की कैसी सख्त प्रतिक्रिया हो सकती है. इसी वजह से प्रधानमंत्री इमरान खान भी कह रहे हैं कि एलओसी पार करना सही नहीं होगा.