इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी एक करोड़ नए रोजगार के सृजन के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन अब इसके विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि लोग नौकरियों के लिए सरकार की तरफ न देखें. जब फवाद के बयान पर हंगामा मचा तो उन्होंने सफाई दी कि मीडिया में उनके हर बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जाता है. इस बयान के साथ भी ऐसा ही हुआ है.
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पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में चौधरी ने कहा, "सरकार लोगों को रोजगार मुहैया नहीं करा सकती है. इसके बजाए मैं तो आपको यह बता रहा हूं कि सरकार चार सौ विभागों को बंद करने जा रही है."
उन्होंने आगे ने कहा, "पाकिस्तान में और दुनिया में हर जगह, सरकार की भूमिका सिकुड़ रही है. लोगों के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि सरकार नौकरियां नहीं दे सकती हैं. अगर हम नौकरियों के लिए सरकार की तरफ देखने लगेंगे तो हमारी अर्थव्यवस्था का फ्रेमवर्क ढह जाएगा. यह 1970 के दशक की मानसिकता है कि सरकार रोजगार देगी..अब निजी क्षेत्र रोजगार देता है."
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इस बयान पर विवाद के बाद चौधरी ने ट्विटर पर मोर्चा संभाला और कहा कि उनकी बात को संदर्भ से काटकर पेश किया गया है. उन्होंने ट्वीट किया, "मैं हतप्रभ रह जाता हूं यह देखकर कि कैसे मेरे हर बयान को संदर्भ से काटकर सुर्खियां बना दिया जाता है."
उन्होंने कहा, "मैंने कहा था कि सरकार नहीं, निजी क्षेत्र रोजगार देते हैं. सरकार का काम ऐसा वातावरण बनाना है जिसमें रोजगार उपलब्ध हो सके. यह नहीं होना चाहिए कि हर व्यक्ति सरकारी नौकरी की ही तलाश में रहे."