पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनकी सरकार फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा निर्देशित सभी लक्ष्यों को हासिल कर देश को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालेगी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कुरैशी ने कहा कि एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को स्वीकार किया है.
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शाह महमूद कुरैशी की यह टिप्पणी एफएटीएफ की प्लेनरी मीटिंग के बाद आई है, जो 13-18 अक्टूबर तक पेरिस में आयोजित की गई थी. शुक्रवार को औपचारिक रूप से घोषणा की गई कि पाकिस्तान अगले चार महीनों यानी फरवरी 2020 तक ग्रे सूची में बना रहेगा. उसने पाकिस्तान से दिए गए सभी कामों को 2020 तक पूरा करने का आग्रह किया.
यह घोषणा एफएटीएफ के अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने की, जिन्होंने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया. वहीं, आर्थिक मामलों के संघीय मंत्री हम्माद अजहर, जिन्होंने प्लेनरी मीटिंग में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था, ने कहा कि इस्लामाबाद ने अपने एफएटीएफ एक्शन प्लान के तहत सभी काम पूरे करने और 2020 में ग्रे लिस्ट से देश को बाहर निकालकर 'व्हाइट लिस्ट' में लाने का लक्ष्य रखा है.
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उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने अपने एफएटीएफ एक्शन प्लान के तहत सभी कामों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है और 2020 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलकर व्हाइट लिस्ट में अपग्रेड होगा. सभी नियामकों, कानून प्रवर्तन एजेंसी, संघीय और प्रांतीय सरकारी विभागों का समन्वित प्रयास पहले से ही चल रहा है." हालांकि, मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अधिक काम करने की जरूरत है, जो शायद किसी भी देश को सौंपी गई सबसे महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण कार्ययोजना है.