पाकिस्तान में बाढ़ ने मचाई भारी तबाही, 42 लाख लोग हुए प्रभावित

पाकिस्तान की आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक इस साल बाढ़ से अब तक 900 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. जून में छाए मानसून के बाद तेज हो रही बरसात से बीते 24 घंटों में ही 34 लोगों की जान गई है.

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Nihar Saxena
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पाकिस्तान ने 2010 में झेली थी बाढ़ की भयंकर विभीषिका.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है. मानसूनी बरसात से बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने इमरजेंसी घोषित कर दी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बरसात ने अब तक 42 लाख लोगों को प्रभावित किया है. गौरतलब है कि भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून खेती-किसानी के लिए बेहद जरूरी है. इसके साथ ही मानसून की बारिश से झील, तालाब-पोखरों समेत बांध भी लबालब भर जाते हैं, जो साल भर सिंचाई और अन्य जरूरी कामों के लिए पानी उपलब्ध कराते हैं. हालांकि बरसात की वजह से आने वाली बाढ़ भी भारी तबाही मचाती है. पाकिस्तान भी इसका प्रकोप झेल रहा है.  

24 घंटों में 34 लोगों की जान बाढ़ ने लील ली
शुक्रवार को पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने बताया कि इस साल अब तक बाढ़ से 900 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. बीते 24 घंटों में ही 34 लोगों की जान गई है. जून में आए मानसून ने पाकिस्तान के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर बरपा रखा है. पाकिस्तान के इतिहास में सबसे भयंकर बाढ़ 2010 में आई थी. अधिकारियों के मुताबिक इस साल आई बाढ़ की तुलना उस बाढ़ से की जा सकती है. 2010 में आई बाढ़ में दो हजार लोग मारे गए थे. देश का हर पांचवां नागरिक पानी का कहर झेल रहा था. दक्षिण सिंध प्रांत के सुकुर में रहने वाले अस्सी साल के किसान रहीम बख्श ब्रोही के मुताबिक मैंने अपने जीवन में बारिश की वजह से बाढ़ की ऐसी विभीषिका अब तक नहीं देखी है. 

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सिंध में 20 लाख एकड़ में खड़ी फसल ने बाढ़ ने की बर्बाद
ग्रामीण पाकिस्तान में बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों की तरह रहीम बख्श ने भी हाई-वे पर शरण ली हुई है. पानी के बढ़ते जलस्तर की वजह से हजारों पाकिस्तानी चहुंओर जलभराव के बीच हाई-वे पर शरण लिए हुए हैं. आपदा एजेंसी के मुताबिक बाढ़ से 42 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. 2 लाख 20 हजार घर बाढ़ की वजह से तहस-नहस हो गए हैं और 5 लाख घर रहने लायक नहीं बचे हैं. यही नहीं, अकेले सिंध प्रांत में ही 20 लाख एकड़ में खड़ी फसल बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गई है. बाढ़ की विभीषिका ने लाखों किसानों के समक्ष दो वक्त की रोटी का गंभीर संकट खड़ा कर दिया है. इन्हीं में से एक हैं नसरुल्ला मेहर जिनकी 50 एकड़ में फैली रुई की फसल बाढ़ लील गई है. 

HIGHLIGHTS

  • 2 लाख 20 हजार घर बाढ़ की वजह से तहस-नहस हो गए हैं
  • पाकिस्तान के इतिहास में सबसे भयंकर बाढ़ 2010 में आई थी
  • लाखों किसानों के समक्ष दो वक्त की रोटी का गंभीर संकट आया
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