Pakistan की आर्थिक हालत हुई और भी खस्ता, बिजली बचाने को नए तुगलकी फरमान

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने नई ऊर्जा संरक्षण योजना के तहत बाजारों और मैरिज हॉल को जल्द बंद करने को कहा है. शहबाज शरीफ सरकार इस तरह अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की सोच रही है, लेकिन आवाम इससे और भड़क रही है.

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Nihar Saxena
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शहबाज सरकार बिजली खपत में कटौती कर सोच रही अरबों बचाने को.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पाकिस्तान (Paksitan) की शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) सरकार ने बिजली बचाने और तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए नई राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण योजना को मंजूरी दे दी है. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कैबिनेट की एक बैठक के बाद बताया कि देश भर में रेस्त्रां सहित बाजार रात 8.30 बजे बंद हो जाएंगे, जबकि शादी के हॉल रात 10 बजे तक बंद हो जाएंगे. इससे पाकिस्तान 60 अरब पाकिस्तानी रुपये बचाने में सक्षम होगा. इसके साथ ही बिजली बचाने के अन्य उपायों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इन्कैंडिसेंट बल्बों का उत्पादन 1 फरवरी, तो ज्यादा बिजली खपत करने वाले पंखों का उत्पादन जुलाई से बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन उपायों से भी अतिरिक्त  22 अरब पाकिस्तानी रुपये बचाने में मदद मिलेगी.

सात के अंत तक ई-बाइक्स पेश करेगी शहबाज सरकार
इसके साथ ही शहबाज सरकार एक साल के अंदर ही कोनिकल गीजर का ही इस्तेमाल अनिवार्य कर देगी. इन कोनिकल गैस में पानी गर्म करने के लिए कम गैस का जरूरत पड़ती है. इस कदम से भी 92 अरब रुपये की बचत होगी.साथ ही स्ट्रीट लाइट के वैकल्पिक उपयोग से अतिरिक्त 4 अरब रुपये की बचत होगी. आसिफ ने कहा कि बिजली बचाने की योजना के तहत सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में भी उपयोग को कम किया जाएगा और वर्क फ्रॉम होम की नीति भी 10 दिनों में तैयार कर ली जाएगी. उन्होंने कहा, 'कैबिनेट की बैठक भी बगैर किसी कृत्रिम रोशनी के पूरी धूप में हुई.' आसिफ ने यह भी कहा कि कैबिनेट ने सरकारी विभागों द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली का 30 प्रतिशत बचाने की योजना बनाई है, जिससे 62 अरब रुपये की बचत होगी. एक अन्य कदम में आसिफ ने कहा कि ईंधन के आयात में कटौती करने में मदद के लिए इस साल के अंत तक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिलें पेश की जाएंगी.

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विदेशी मुद्रा भंडार बीते साल आधा रह गया
पाकिस्तान सरकार ने बिजली बचाने के ये कदम ऐसे समय उठाएं हैं, जब पाकिस्तान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डिफॉल्ट की आशंकाओं को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बमुश्किल एक महीने का आयात कर करता है, जिनमें से अधिकांश विदेशों से बिजली खरीद के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इन तमाम अतिरिक्त खर्चों की वजह से आईएमएफ में 1.1 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज को जारी करने में देरी कर रही है. आंकड़ों की भाषा में कहें तो बीते महीने के आखिर में पाकिस्तान के पास नगद विदेशी मुद्रा भंडार 11.7 बिलियन डॉलर, तो केंद्रीय बैंक के पास 5.8 बिलियन डॉलर ही बचे थे. 2022 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 50 फीसदी कम हो चुका है.

HIGHLIGHTS

  • बाजारों और मैरिज हॉल खुलने-बंद होने के लिए समय सारिणी
  • साल के अंत तक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल की जाएंगी पेश
  • बीते साल विदेशी मुद्रा भंडार में आई 50 फीसदी की कमी
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