पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) रविवार को क्वेटा में अपना तीसरा शक्ति प्रदर्शन कर रहा है, वहीं एक आतंकी हमले की रिपोर्ट के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई है. पीडीएम में पाकिस्तान के 11 विपक्षी दल शामिल हैं. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (नैक्टा) ने चेतावनी दी है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने राजनीतिक और धार्मिक नेतृत्व को निशाना बनाते हुए क्वेटा में बड़े पैमाने पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई है.
बलूचिस्तान सरकार ने सुरक्षा अलर्ट के मद्देनजर पीडीएम से रैली को स्थगित करने की अपील की थी. हालांकि, विपक्षी नेताओं ने अपील को दरकिनार कर दिया. पीपीपी बलूचिस्तान के प्रवक्ता हयात अचैकजई ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी शायद जनसभा में मौजूद नहीं हो सकेंगे, जिसमें पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान भी शामिल होंगे जो पीडीएम के अध्यक्ष भी हैं.
हालांकि, उन्होंने कहा कि जरदारी वीडियो लिंक के माध्यम से रैली को संबोधित करेंगे. इस बीच, पीएमएल-एन बलूचिस्तान के प्रेसीडेंट जनरल (रिटायर्ड) कादिर बलूच ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वर्चुअल रूप से जनसभा को संबोधित करेंगे. बलूचिस्तान सरकार द्वारा 4,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें पुलिस, फ्रंटियर कोर और बलूचिस्तान कांस्टेबुलरी शामिल हैं.
पीडीएम ने 19 अक्टूबर को कराची में अपनी दूसरी रैली आयोजित की थी और इससे पहले 16 अक्टूबर को गुजरांवाला में की थी. क्वेटा के बाद पीडीएम 22 नवंबर को पेशावर में अपनी चौथी रैली, 30 नवंबर को मुल्तान में पांचवीं और 13 दिसंबर को लाहौर में आखिरी रैली करेगी.
Source : IANS/News Nation Bureau