पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष के मल्टी-पार्टी कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) ने संघीय सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत कश्मीर को बेचने का आरोप लगाया है और संघीय सरकार को गिराने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी को घेरने की चेतावनी दी है. समाचार पत्र डान में मंगलवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, एमपीसी के संयोजक और जमीयत उलेमा-ए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सभी विपक्षी दलों ने इस्लामाबाद जाने का निर्णय लिया है.
यह भी पढ़ेंः कश्मीर के लोगों के लिए खुशखबरी, अब अपनों से कर सकेंगे बात, CRPF ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
उन्होंने कहा कि संयुक्त विपक्ष की रहबर कमेटी को एक सप्ताह के अंदर मांग पत्र तैयार करने के लिए कहा गया है, ताकि इस्लामाबाद जाने से पहले उनके हाथों में कुछ हो. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया. हालांकि, इन दो मुख्य विपक्षी दलों के नेता कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे. इन नेताओं में पीपीपी के फरहतुल्ला बाबर, शेरी रहमान और नय्यर हुसैन बुखारी और पीएमएल-एन के सरदार अयाज सादिक, ख्वाजा आसिफ और अहसान इकबाल मौजूद रहे.
अहसान इकबाल और नय्यर हुसैन बुखारी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मौलाना फजल ने कहा कि संयुक्त समिति की रहबर कमेटी 26 अगस्त को मांगपत्र लेकर आएगी और अगली एमपीसी की बैठक 29 अगस्त को होगी, जिसमें प्रमुख विपक्षी पार्टियों के अध्यक्ष मांगपत्र में दी गईं मांगों की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा, "संयुक्त विपक्ष ने आज अभियान छेड़ दिया है, जो सरकार को गिराकर ही रुकेगा."
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान में जिसने किया था अभिनंदन पर हमला, Indian Army ने उसे मार गिराया
भारत अधिकृत कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मौलाना फजल ने कहा कि सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत कश्मीर को बेच दिया है. उन्होंने कहा, "मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस आशंका को बल मिलता है कि कश्मीर के संबंध में निर्णय पिछले महीने प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई मुलाकात के दौरान लिया गया होगा कि यदि भारत कश्मीर के भविष्य में कोई बदलाव करता है तो पाकिस्तान उस पर चुप रहेगा."
मौलाना ने कहा, "आज पाकिस्तान के लोग और कश्मीर के लोग एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के शिकार हुए हैं, जिसमें सरकार हिस्सेदार है. हमारे शासकों ने कश्मीरियों के पीठ में छुरा घोपा है." उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को प्रदत्ता विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है. जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बगैर विधानसभा के होगा.
Source : आईएएनएस