पाकिस्तान को FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला गया है। पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में 2018 से है। पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया पैसिफिक ग्रुप के साथ काम करने, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण प्रणाली को बेहतर बनाने के चलते यह फैसला लिया गया है. एफएटीएफ के इस फैसले से पाकिस्तान में खुशी का माहौल है. वहीं, एफएटीएफ ने म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है. एफएटीएफ के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान उसकी ओर से जारी 34 मानदंडों पर खरा उतरा है.
भारत ने किया विरोध
एफएटीएफ के इस फैसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे देश के द्वारा की गई कोशिशों पर मुहर लगा दी गई है. एफएटीएफ की ओर से हमारी सेना को भी बधाई दी गई है. उन्होंने कहा है कि हमारी मेहनत रंग लाई है. आपको पता दें कि एफएटीएफ एक इंटरनेशनल फाइनेंशियल क्राइम की निगरानी करने वाली और उसको रोकने का प्रयास करने वाली संस्था है. 2018 में जब पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में डाला गया तो उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का आरोप लगा था. लेकिन एफएटीएफ के मापदंडों के पूरा करने वाली रिपोर्ट आने के बाद उसको ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया. वहीं, भारत ने एफएटीएफ के इस फैसले का विरोध किया है. भारत ने कहा कि उसको नजरअंदाज किया गया है.
वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी
पाकिस्तान के एक अखबार डॉन के अनुसार पाक विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि एफएटीएफ की टेक्निकल टीम ने हमारे देश का दौरा किया है.
जो पूरी तरह से सफल रहा है. वहीं, पीटीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया कि एफएटीएफ के इस फैसले से पाकिस्तान को अपनी बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी में लाने में
मदद मिलेगी. इसकी वजह से विश्व बैंक, आईएमएफ, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसी संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
Source : News Nation Bureau