लाहौर पुलिस से कोई अनुमति नहीं मिलने के बावजूद, पश्तून तहफुज (प्रोटेक्शन) आंदोलन समर्थकों ने रविवार को एक बड़ी रैली का आयोजन किया।
खबर के मुताबिक, लाहौर के मोची गेट पर हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और आंदोलन किया।
हालांकि पाकिस्तानी सेना के दवाब की वजह से कई स्थानीय मीडिया इस घटना को कवर करने से बचना चाहती थी। फिर भी इस घटना की खबरें ट्विटर के माध्यम से सोशल मीडिया पर पहुंचने में कामयाब रहीं।
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एक ट्विटर यूजर्स, जहांगीर खान वजीर, ने ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट किया, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को सेना के खिलाफ नाराजगी दिखाई दे रही थी। जहांगीर खान वजीर पाकिस्तान तेहरिक-ए-इंसाफ के युवा विंग से जुड़े होने का दावा करते हैं।
द डॉन अखबार के मुताबिक, इस कार्यक्रम में यह भी घोषणा की गई कि 2007 की हिंसा की निंदा करने के लिए 12 मई को कराची में एक और विरोधी रैली आयोजित की जाएगी।
आपको बता दें कि यह आंदोलन युवा पश्तून कार्यकर्ताओं द्वारा शुरू किया गया था जो देश के जनजातीय क्षेत्रों में अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में बताते है, उनका अंत करने की मांग कर रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau