भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में मुंह की खाने और फिर बने वैश्विक दबाव के बीच पाकिस्तान (Pakistan) ने फिर दुनिया भर को भरमाने का खेल शुरू कर दिया है. भारतीय काउंसलर्स की कुलभूषण जाधव तक सशर्त पहुंच के बाद गुरुवार से इस्लामाबाद (Islamabad) हाईकोर्ट में जाधव मामले में सुनवाई शुरू होने जा रही है. इसमें जाधव के वकील की नियुक्ति पर कार्रवाई होगी. जाधव प्रकरण में पाकिस्तान की नीयत कितनी साफ है, इसका अंदाजा इससे लग सकता है कि वकील से लेकर जज तक पाकिस्तान के हैं. यानी इस बार फिर जाधव को न्याय मिलने की गुंजाइश इमरान सरकार ने पहले से ही खत्म कर दी है. एक बड़ी वजह यह भी है कि इमरान सरकार (Imran Khan) ने जाधव को भारतीय वकील उपलब्ध कराने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है.
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भारतीय वकील का प्रस्ताव ठुकराया
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, जाधव मामले की सुनवाई इस्लामाबाद हाई कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी. जाधव की पैरवी के लिए भारतीय वकील की नियुक्ति वाली नई दिल्ली की मांग इमरान खान की सरकार ने खारिज कर दी थी. ऐसे में जाधव की सुनवाई को विशेषज्ञ केवल दिखावा मान रहे हैं. दरअसल पाकिस्तान इस सुनवाई के नाम पर दुनिया की आंखों में धूल झोंकना चाह रहा है. पाकिस्तान जाधव पर दिखावा करने में जुटा है. उनसे जाधव को काउंसलर पहुंच तो मुहैया कराई लेकिन कई प्रतिबंधों के साथ. भारत लगातार पाकिस्तान की चाल का विरोध कर रहा है.
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फिर चालबाजी दिखा रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की इस पैंतरेबाजी से भारत ने खुद को दूर कर लिया है. जाधव के लिए वकील के खातिर इस्लामाबाद हाई कोर्ट का रुख करने को भारत पाकिस्तान की एक और चालबाजी के रूप में देख रहा है ताकि रिव्यू के नाम पर भी वह मनमाना फैसला थोप दे. जाधव केस में पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले का पालन करते हुए दिखना चाहता है. गौरतलब है कि आईसीजे ने पिछले साल आदेश दिया था कि जाधव को सैन्य अदालत के फैसले की कारगर समीक्षा का मौका मिलना चाहिए. इसके अलावा उसने जाधव तक भारत को काउंसलर एक्ससे नहीं देने को लेकर पाकिस्तान को वियना समझौते के उल्लंघन का दोषी भी ठहराया था.