पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल में हुई मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अफगान शांति वार्ता और आतंकवाद के खिलाफ जंग में खान द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओं को पूरा किये जाने की जरूरत है. भारत और अफगानिस्तान, पाकिस्तान पर अफगान तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाते रहे हैं. ये आतंकी समूह भारत और अफगानिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम देते रहे हैं.
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने हाल में खान से की गई मुलाकात के दौरान उनसे कहा था कि अमेरिका आतंकी संगठनों को नाकाम करने समेत साझा सुरक्षा प्राथमिकताओं पर पाकिस्तान से 'लगातार प्रगति' चाहता है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने संवाददाताओं से कहा, ' हम अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने को प्रतिबद्ध हैं.'
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उन्होंने कहा, 'ना केवल राष्ट्रपति के साथ बल्कि विदेश मंत्री के साथ भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई और अब बैठक में किए गए वादों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का समय है.'उन्होंने खान और ट्रम्प के बीच सप्ताह की शुरुआत में हुई इस बैठक को आरंभिक बैठक बताया और कहा इसने राष्ट्रपति और विदेश मंत्री को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मिलने, आपसी संबंध बनाने और घनिष्ठता बनाने का मौका दिया.
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ओर्टागस ने कहा, 'अब हमें लगता है कि इस पहली सफल बैठक को आगे बढ़ाने का समय है. मैं प्रधानमंत्री द्वारा कही बातों में से एक का उल्लेख करना चाहूंगी, उन्होंने संकल्प जताया था कि वह अफगान सरकार से बातचीत करने के लिए तालिबान से अपील करेंगे.'
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उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने कहा कि अमेरिका बंधकों को रिहा कराने के लिए भी पाकिस्तान से बात कर रहा है.विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ' हम उनको (बंधकों) रिहा कराने के लिए पाकिस्तानियों के साथ काम कर रहे हैं. हमें लगता है कि उनके (खान) बयान मददगार हैं और हम निश्चित तौर पर उम्मीद कर रहे हैं कि उन बयानों के संबंध में कुछ कदम उठाए जाएंगे.' उन्होंने बंधकों के मुद्दे पर ज्यादा जानकारी नहीं दी.
Source : BHASHA