दुनिया जानती है कि चीन अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना 'वन बेल्ट वन रोड' को लेकर हद दर्जे तक पजेसिव है. भारत को इस प्रोजेक्ट से घेरने के लिए भारत के प्रति शत्रुवत रवैया रखने वाले पाकिस्तान को न सिर्फ 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी)' के नाम पर अरबों रुपए दे रहा है, बल्कि परोक्ष तौर पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर शह भी दे रहा है. हालांकि अब ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने चीन को आर्थिक तौर पर और दुहने के लिए चीन के ही हथियार को अपना हथियार बनाया है. 'नए पाकिस्तान' का नारा देकर सत्ता में आए इमरान खान ने सीपीईसी में सड़क और अन्य अधोसंरचना जुटाने के लिए 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज मांगा है. यह रकम भारतीय मुद्रा में लगभग 63 हजार करोड़ रुपए के आसपास बैठती है.
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294 अरब का मुल्कान-सुक्कुर हाईवे का उद्घाटन
सीपीईसी पर संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) की मंगलवार को हुई नौवें दौर की बैठक में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधियों ने ग्वादर स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान को स्वीकृति दी. स्वास्थ्य और कारोबार के क्षेत्र में दो समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा चीन से मिले 294 अरब पाकिस्तानी रुपये से बने मुल्तान-सुक्कुर हाईवे का उद्घाटन किया गया. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए गत वर्ष भी चीन गए थे. तब पाकिस्तान को चीन से जमा और वाणिज्यिक कर्ज के तौर पर 4.6 करोड़ डॉलर मिले थे.
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इरान-अफगानिस्तान सीमा पर पाक करेगा बाड़बंदी
इस बैठक में इरान और अफगानिस्तान सीमा से लगती पाकिस्तान सीमा की बाड़बंदी के काम को जल्द से जल्द पूरा करने पर भी सहमति बनी. योजना मंत्री मखदूम खुसरो बख्तयार ने इस मसले पर उम्मीद जताई कि यह काम 2020 तक पूरा हो सकेगा. हालांकि उन्होंने साफतौर पर कहा कि यूं तो इस काम को एक दशक पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीपीईसी की 100 फीसदी सुरक्षा की गारंटी तब तक नहीं दे सकता है, जब तक कि उसकी इन देशों से लगने वाली सीमाएं सुरक्षित नहीं हों.
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पाकिस्तान ने बैठक में रखी मांग
जेसीसी बैठक की सह अध्यक्षता पाकिस्तान के योजना मंत्री मखदूम खुसरो बख्तयार और चीन के राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग के उपाध्यक्ष निंग जिझे ने की. बख्तयार ने कहा, 'प्रधानमंत्री के हालिया चीन दौरों और चीनी नेतृत्व के साथ हुई उनकी बातचीत से कृषि, उद्योग और सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिला है. पाकिस्तान ने सीपीईसी अथॉरिटी स्थापित की है. यह सीपीईसी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट के लिए सिंगल विंडो की तरह काम करेगी.'
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सीपीईसी को नई दिशा देंगे चीन-पाक
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, चीन और पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर की लागत वाले सीपीईसी प्रोजेक्ट को नई दिशा देने पर सहमति बनी है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी खबर में बताया कि जेसीसी की नौवें दौर की बैठक में सीपीईसी को तांबा, सोना, तेल और गैस खनन क्षेत्रों से जोड़ने पर निर्णय लिया गया. बख्तयार ने कहा कि पाकिस्तान के तेल और गैस सेक्टर में आगामी तीन साल में दस अरब डॉलर का चीनी निवेश होने की उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- इमरान खान ने सीपीईसी में अधोसंरचना जुटाने के लिए 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज मांगा.
- यह रकम भारतीय मुद्रा में लगभग 63 हजार करोड़ रुपए के आसपास बैठती है.
- चीन से मिले 294 अरब पाकिस्तानी रुपये से बने मुल्तान-सुक्कुर हाईवे का उद्घाटन किया गया.