जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान की हालत "खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे" वाली हो गई है. अमेरिका, चीन, सऊदी अरब, यूएई, मलेशिया, तुर्की, ईरान के बाद पाकिस्तान ने अब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से संपर्क किया है. पाकिस्तान की कोशिश है कि संयुक्त राष्ट्र में जब वह मामला उठाए तो कुछ देशों का समर्थन उसे मिले. हालांकि उसे समर्थन देने वाले देशों की संख्या गिनती की भी नहीं है. भारतीय कूटनीति के कमाल के चलते सभी देशों ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया है.
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इस माह के पहले हफ्ते में भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. भारत द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान मारा-मारा फिर रहा है. पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में कटौती कर दी है और सभी व्यापारिक संबंध तोड़ लिए हैं.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार इमरान खान और विडोडो के बीच फोन पर पहली बार संवाद हुआ. इमरान खान ने इस दौरान विडोडो से कहा, ''बेकसूर कश्मीरियों के मारे जाने का गंभीर खतरा है और ऐसी त्रासदी को रोकना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दायित्व है. कश्मीर की स्थिति को लेकर इमरान पहले ही ब्रिटेन और मलेशिया के प्रधानमंत्रियों, तुर्की के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के शहजादे और बहरीन के सम्राट से बात कर चुके हैं.
बाज नहीं आएगा पाकिस्तान, भारत से लगती सीमा पर अब उठा सकता है यह कदम
चारों तरफ से मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मारा-मारा फिर रहा पाकिस्तान अब अफगानिस्तान सीमा पर तैनात सैनिकों की संख्या में कमी कर भारत के साथ लगती सीमा पर तैनात कर सकता है. पाकिस्तान इसके साथ ही अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका को ब्लैकमेल करने की कोशिश में है. अफगानिस्तान सीमा से सैनिकों को हटाना अमेरिका को नागवार गुजरेगा और इस बिना पर पाकिस्तान उससे एक हाथ ले, एक हाथ दे की नीति पर काम कर सकता है.
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फिलहाल अमेरिका और तालिबान के बीच अफगान शांति वार्ता अंतिम चरण में है और अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को हटाने की योजना पर काम रहा है. ऐसे में अफगानिस्तान सीमा से पाकिस्तानी सैनिकों को हटाने से वहां के हालात प्रभावित हो सकते हैं. सेना को वहां से हटाने का संकेत देकर पाकिस्तान परोक्ष रूप से अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश में है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो