पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान सेना से कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए एसओपी को लागू करने में पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद करने को कहा है. उन्होंने चेताया कि अगर मौजूदा दौर जारी रहा तो पाकिस्तान को जल्द ही भारत जैसे हालात का सामना करना पड़ सकता है. राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा, "मैं आपसे एसओपी का पालन करने की अपील कर रहा हूं, ताकि हमें ऐसे कदम उठाने की जरूरत न पड़े जो भारत कर रहा है, मतलब कि लॉकडाउन लागू करना. आप सभी लोग फेस मास्क पहनें तो आधी मुश्किलें यूं ही हल हो जाएंगी."
- एनसीओसी द्वारा घोषित नए एसओपी :
- 5 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिव मामलों वाले जिलों के स्कूल ईद तक बंद रहें.
- शाम 6 बजे सभी बाजार बंद हो जाएं.
- ईद तक इनडोर और आउटडोर खाना पर बंदिश, सिर्फ लेने और सुपुर्दगी की इजाजत.
- सभी दफ्तर दोपहर 2 बजे तक ही चलें.
- दफ्तरों में 50 फीसदी स्टाफ की मौजूदगी की इजाजत रहेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर हमारी परिस्थितियां भारत के समान हो जाती हैं, तो हमें शहरों को बंद करना होगा. हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि जैसा कि अनुभव से पता चला है, तालाबंदी लागू होने पर गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है." उन्होंने कहा, "लोग आज मुझे लॉकडाउन लागू करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं, और मैं इसे दोहराता रहता हूं, ग्रामीण और दिहाड़ी मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित होंगे."
अखबार डॉन के मुताबिक, इमरान ने कहा, "सिर्फ एक मुल्क पाकिस्तान है, जिसने पिछले साल रमजान के दौरान मस्जिदें खुली रखी थीं. जिस तरह से हमारे मजहबी उलेमाओं और इमामों ने एहतियाती उपायों के बारे में लोगों को बताया था, उस पर मुझे फख्र है."उन्होंने कहा, "पिछले दफे बहुत कम लोग एसओपी का पालन कर रहे थे. अगर हम एहतियाती उपाय नहीं करते हैं, तो हमें लॉकडाउन लागू करना होगा, जिसका असर हमारी माली इंतजामिया पर पड़ेगा."
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान सेना को एसओपी को लागू करने में पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, "हम लोगों को एहतियाती उपायों पर अमल करने के लिए कह रहे हैं. लेकिन हमने देखा है कि लोग लापरवाह हो गए हैं." इमरान ने कहा कि सरकार टीकों की खरीद के लिए सभी कोशिशें कर रही है. "हमने चीन से पूछा है, लेकिन उनकी मांग भी काफी बड़ी है. बाकी दुनिया में इसकी कमी है."
Source : News Nation Bureau