पाकिस्तान (Pakistan) में सत्ता गंवाने के बाद तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान (Imran Khan) कोई मौका शहबाज शरीफ सरकार को घेरने का नहीं छोड़ रहे हैं. शनिवार को उन्होंने विदेशी कंपनियों को संपत्ति बेंचने के लिए सभी प्रक्रियाओं को दरकिनार करने पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया. हालांकि शहबाज शरीफ ने भी इस ट्विटर वॉर में इमरान खान को जमकर टक्कर दी. जियो न्यूज के मुताबिक संपत्ति बेचे जाने वाले अध्यादेश के पारित होने के कुछ घंटों बाद ट्विटर पर तीखी बहस में इमरान खान ने राष्ट्रीय संपत्ति की बिक्री के लिए 'आयातित सरकार' की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. उन्होंने लिखा, ''अपराध मंत्री' के नेतृत्व में 'अमेरिकी साजिश' के तहत 'आयातित सरकार' को सत्ता में कैसे लाया जा सकता है. (पीपीपी के उपाध्यक्ष आसिफ अली) जरदारी के साथ मिलकर शरीफ के परिवार के भ्रष्टाचार के किस्सों से कौन अछूता है. ऐसे में उन पर राष्ट्रीय संपत्ति की बिक्री के मामले में कैसे भरोसा किया जा सकता है, जो सभी प्रक्रियात्मक कानूनी जांचों को दरकिनार करते हुए की जा रही है.'
अध्यादेश लाकर 6 प्रासंगिक कानूनों समेत जांच को किया गया समाप्त
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की कैबिनेट ने छह प्रासंगिक कानूनों सहित नियामक जांच को समाप्त कर दिया, ताकि देश को विदेशों में राज्य की संपत्ति की आपातकालीन बिक्री के जरिए दीवालिया होने से बचाया जा सके. खान ने शरीफ पर पिछले 30 वर्षों से 'पाकिस्तान को लूटने' और 'वर्तमान आर्थिक मंदी' लाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने लिखा, 'इन चोरों को हमारी राष्ट्रीय संपत्ति को कभी भी कुटिल तरीके से बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.' इस पर पीटीआई अध्यक्ष के ट्वीट का जवाब देते हुए पीएम शहबाज ने लिखा, 'वह स्मृति दोष से पीड़ित हैं और उन्हें कुछ बातें याद करने की जरूरत है.' शहबाज शरीफ ने अपनी ट्वीट में आगे लिखा, 'ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, उनके (इमरान खान) शासन के दौरान भ्रष्टाचार बढ़ा. बड़े-बड़े घोटालों के अलावा तबादलों-पोस्टिंग की भी बिक्री होती थी.' उन्होंने कहा, 'आज देश इसकी कीमत चुका रहा है कि उन्होंने अर्थव्यवस्था को कैसे बर्बाद किया.' जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर देश की वैश्विक प्रतिष्ठा, स्थिति और मित्र देशों के साथ संबंधों को गहरी चोट पहुंचाने का आरोप भी मढ़ा.
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अध्यादेश में अदालतों पर जांच का प्रतिबंध
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, 'पारित अध्यादेश के अनुसार विदेशी संस्था पाकिस्तान में कोई भी अदालत संपत्ति की बिक्री की किसी प्रक्रिया या अधिनियम के खिलाफ आवेदन, याचिका या मुकदमे पर विचार नहीं करेगी.' हालांकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अदालतें इस तरह के अध्यादेश को स्वीकार नहीं करती हैं. अध्यादेश में कहा गया है कि कोई भी अदालत किसी वाणिज्यिक लेनदेन या समझौते के लिए की जाने वाली किसी भी प्रक्रिया के खिलाफ निषेधाज्ञा नहीं देगी या निषेधाज्ञा के लिए किसी आवेदन पर विचार नहीं करेगी, जो लोग इन संपत्तियों को बेचने में शामिल होंगे, उनके खिलाफ किसी भी मुकदमे, अभियोजन या किसी अन्य कानूनी कार्यवाही या हर्जाने की कार्रवाई का दावा नहीं किया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- कैबिनेट में पारित अध्यादेश के बाद इमरान खान ने खोला मोर्चा
- लिखा- अपराध मंत्री के नेतृत्व में देश की संपत्तियों की हो रही बिक्री
- जवाब में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान पर लगाए गंभीर आरोप