पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आईएमएफ की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक ऋणदाता ने देश पर बेड़ियां डाल दी हैं, जिसके कारण बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और जनता को राहत प्रदान करने के सरकार के प्रयास एक बड़ी चुनौती बन गए हैं. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियर ने कहा कि सरकार कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कर रही है. उन्होंने कहा, एक तरफ जहां सरकार पिछली सरकार की वजह से हुई आर्थिक बर्बादी और उससे होने वाली महंगाई के बोझ तले दबी है, वहीं आईएमएफ की (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) की सख्त शर्तें हैं.
उन्होंने कहा, हमें बाढ़ से उबरने के लिए फंड की जरूरत है लेकिन आईएमएफ ने हमें जकड़ रखा है. यह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन हार मानने का कोई सवाल ही नहीं है.. सरकार का गठबंधन एक साथ काम करेगा और लोगों की पीड़ा को कम करेगा. हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक (बाढ़ प्रभावित) लोग अपने घरों में नहीं बस जाते.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों को भड़काने के लिए अपने पूर्ववर्ती इमरान खान की आलोचना की, लेकिन उम्मीद जताई कि जनता उनके नकारात्मक अभियान का शिकार नहीं होगी. उन्होंने कहा, वह लोगों की दुर्दशा जानते हैं लेकिन उन्हें परवाह नहीं है. शरीफ ने बलूचिस्तान से देश के बाकी हिस्सों तक सड़क पहुंच को पूरा करने के महत्व पर जोर दिया.
बलूचिस्तान देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रांत है और पाकिस्तान का विकास इसके विकास के बिना अधूरा है.
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Source : IANS