पड़ोसी देश पाकिस्तान में हुए आम चुनाव दुनियाभर की सियासी सुर्खियों में रहे, वजह थी हेरफेर के आरोप और अस्पष्ट विजेता. लिहाजा अब जेल में बंद पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने बड़ा ऐलान किया है. सोमवार को पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि, इमरान खान के वफादार नेता एक अल्पज्ञात राजनीतिक समूह के साथ गठबंधन करेंगे. मालूम हो कि, इस महीने हुए चुनाव में पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने सबसे अधिक सीटें जीती थीं, मगर मजबूरन उन्हें निर्दलीय के रूप में खड़ा होना पड़ा, जिसके बाद उन्हें दरकिनार कर दिया गया.
वहीं दूसरी ओर सेना समर्थित पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सत्तारूढ़ बहुमत हासिल करने में नाकाम रही, लेकिन उसने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और कुछ छोटे दलों के साथ साझेदारी करके अगली सरकार के लिए दावेदारी ठोक दी है.
ये है पीटीआई का सियासी प्लान...
हालांकि, इस सियासी कहानी में अभी भी मोड़ आने की उम्मीद है. दरअसल पीटीआई अपने उम्मीदवारों को एक पंजीकृत राजनीतिक दल सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) में शामिल करके बहुमत हासिल करने का प्लान बना रहा है.
वोटों में धांधली और नतीजों में हेरफेर...
गौरतलब है कि, चुनाव के दिन अधिकारियों द्वारा पाकिस्तान के मोबाइल फोन नेटवर्क को बंद करने और गिनती में 24 घंटे से अधिक समय लगने के बाद वोटों में धांधली और नतीजों में हेरफेर के व्यापक आरोप लगे हैं. एक वरिष्ठ नौकरशाह ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि, उसने 8 फरवरी के चुनाव में धांधली में मदद की थी और वह खुद को पुलिस के हवाले कर देगा.
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धांधली के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन...
हालांकि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने शनिवार को कथित धांधली के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. प्रमुख शहरी केंद्रों में कम संख्या में समर्थक सड़कों पर उतरे, जिसमें इसके गढ़ उत्तरी शहर पेशावर में लगभग 4,000 लोगों की सबसे बड़ी भीड़ थी. पुलिस ने पार्टी के वरिष्ठ सदस्य सलमान अकरम राजा और लगभग एक दर्जन समर्थकों को केंद्रीय शहर लाहौर में हिरासत में लिया, जहां उन्होंने पार्टी मुख्यालय को घेर लिया, मगर बताया गया कि दोपहर तक सभी को रिहा कर दिया गया था.
Source : News Nation Bureau