पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पूर्व संघीय मंत्रियों ने पीएम इमरान खान की सलाह पर तीन अप्रैल को नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति से संबंधित कानूनी मुद्दोंं पर चर्चा की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रपति ने की और इसमें अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान, पूर्व संघीय मंत्री बाबर अवान, फवाद चौधरी, इम्तियाज सिद्दीकी, असद उमर, शफकत महमूद और परवेज खट्टक ने भाग लिया. घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति विपक्ष के साथ विचार-विमर्श के लिए रास्ता खुला रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ पत्र के जवाब में दो नाम भेजने पर विचार कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, शहबाज का लक्ष्य कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नामांकन के मामले को संसदीय समिति में ले जाना है ताकि सरकार एकतरफा फैसला न ले सके.
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कार्यवाहक पीएम पद के लिए हाल में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति मकबूल बाकिर के नाम का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्ति में जल्दबाजी को देखते हुए विपक्षी नेतृत्व इस मामले को उच्चतम न्यायालय में उठा सकता है, जबकि उसने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने के लिए कहा है. बैठक के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जानकारी दी गई और सरकार की रणनीति पर विचार किया गया.
Source : News Nation Bureau