पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय नागरिक हामिद निहाल अंसारी को सोमवार को रिहा कर दिया गया. अंसारी पेशावर सेंट्रल जेल में पिछले 3 सालों से बंद थे और उनकी सजा शनिवार को खत्म हो गई थी. निहाल अंसारी पेशे से मुंबई में इंजीनियर थे. अंधेरी के रहने वाले 33 वर्षीय युवा हामिद नेहाल अंसारी पर 12 नवंबर 2012 को अफगानिस्तान के रास्ते अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने का आरोप लगा था.
अंसारी की सजा 15 दिसंबर को पूरी हो गई थी लेकिन कानूनी कागजात तैयार नहीं होने के कारण रिहा नहीं किए गए थे. बीते गुरुवार को पेशावर हाई कोर्ट ने सरकार को उनकी स्वदेश वापस भेजने की प्रक्रिया पूरा करने के लिए एक महीने की समयसीमा को मंजूरी दी थी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि अंसारी भारतीय जासूस है जो पाकिस्तान में अवैध रूप से प्रवेश किया था. उन्होंने कहा, 'वह देश-विरोधी गतिविधियों और फर्जी कागजातों में संलिप्त था जिसे सजा पूरी होने पर छोड़ा जा रहा है और भारत वापस भेजा जाएगा.'
हामिद अंसारी खैबर पख्तूनख्वाह में करक से एक दोस्त द्वारा दिए गए फर्जी पहचान पत्र से पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे और कुछ दिनों तक उनके साथ रहे थे. बताया गया था कि उसने इंटरनेट पर बने एक महिला मित्र से मिलने गए थे.
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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने कुछ दिनों बाद कोहाट शहर के एक होटल से उसे पकड़ लिया था. दिसंबर 2015 में, बाद में एक सैन्य अदालत ने उसे देश-विरोधी गतिविधियों और जासूसी करने का दोषी पाया था.
अंसारी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया और पेशावर उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धी को चुनौती दी थी, जहां पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि जैसे ही उसकी जेल की सजा पूरी हो जाएगी, उसे उसके देश भेज दिया जाएगा. पाकिस्तान ने हामिद को किसी भी तरह की दूतावास संबंधी सहायता या उसके माता-पिता को वीजा देने से इंकार कर दिया था.
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Source : News Nation Bureau