कोरोना आखिर है क्या? इसका जन्म कैसे हुआ? लोगों के बीच कैसे फैला? क्या वाकई ये बीमारी चमगादड़ों से फैली है? इन सवालों का जवाब ढूढंने के लिए पूरी दुनिया के डॉक्टरों और वैज्ञानिको ने जी जान लगा दी है. लेकिन आपको हैरत होगी यह जानकर इन सवालों के जवाब ढूंढ लिए गए हैं. जी हां इन सारे सवालों के जवाब पाकिस्तान ने खोज निकाले हैं. आपको उससे भी ज्यादा हैरत ये जानकर होगी कि इन सवालों के जवाब पाकिस्तान के किसी वैज्ञानिकों या डॉक्टरों ने नहीं बल्कि मौलियों ने ढूंढे हैं. हैं न कमाल की बात, जो काम दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के वैज्ञानिक और डॉक्टर नहीं कर पाए वो पाकिस्तान के मौलवियों ने कर दिखाया है. एक मौलवी के मुताबिक, कोरोना क्या है, इसकी उत्पत्ति कैसे हुई जैसे तमाम सवालों का एक ही जवाब है 'अल्लाह का अभिशाप'.
मौलवी तारिक जमील की मानें तो कोरोना अल्लाह का अभिशाप है जो लोगों पर कहर बनकर बरप रहा है और अगर इससे बचना है तो सबको पश्चाताप करना होगा. हालांकि इस बात में कोई हैरानी नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमेशा की तरह इस बात को भी सही मान लिया है और अपना सिर झुका लिया है, नतीजन देश को कोरोना से कैसे बचाना है, इस बात का फैसला अब वैज्ञानिक और डॉक्टर्स की बजाय इमरान खान के करीबी मौलवी कर रहे हैं.
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'महिलाओं के तंग कपड़ों से फैला कोरोना'
मौलाना तारिक जमील ने ये भी बताया है कि कोरोना असल में महिलाओं की देन है. अब वो कैसे, आइए आपको वो भी बता देते हैं. दरअसल कोविड 19 के खिलाफ जारी लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने 4 घंटे का ‘एहसास’ नाम का लाइव टेलीथन किया. इस लाइव टेलीथन में तबलीगी जामत के अगुआ मौलाना तारिक जमील ने बताया कि कोरोना तो असल में महिलाओं की देन है. महिलाएं जो तंग और अश्लील कपड़े पहनती हैं उससे कोरोना फैला है.
मौलाना तारिक जमील ने बता दिया कि कोरोना समाज में बढ़ती अश्लीलता और बेशर्मी के लिए अल्लाह का अभिशाप है. पाप और पापियों की बढ़ती संख्या के कारण ही इस बीमारी का इतना भयावह रूप देखने को मिल रहा है. हालांकि ऐसा नहीं कि मौलवी साहब ने केवल कोरोना की जड़ बताई है, बल्कि इस कहर से बचने का रास्ता भी सुझाया है. मौलाना जमील की मानें तो कोरोना से बचने के लिए लोगों को प्रायश्चित करना होगा और उसके लिए दिन में पांच बार मस्जिद में जाकर नमाज अदा करनी होगी और उसके अलावा एक और खास प्रार्थना करनी होगा. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) यानी इमरान खान की पार्टी इस पर मौलवियों के साथ एक समझौते पर पहुंच गई जिसके बाद डॉक्टरों ने चेताया भी कि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं होगा.
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पाकिस्तान के पीएम ने उन डॉक्टरों की बात मानने के बजाय जो कई बार कोरोना पीड़ितों का इलाज करकते वक्त खुद संक्रमित हो गए थे, मौलवियों की बात मानी और लोगों को मस्जिद में तीन वक्त के नमाज की इजाजत दे दी. हालांकि मौलवी असमानी ने मुल्ला मुफ्ती मुनीब के साथ मिलकर इस बात का विरोध किया और कहा कि सभी लोगों को पहले की तरह जाकर अपने-अपने इलाकों में बनी मस्जिदों में जाना चाहिए. ये जानते हुए भी कि इससे कोरोना का संक्रमण आग की तरह फैल सकता है, इमरान खान ने इजाजत दे दी, इस शर्त के साथ कि मस्जिद में नमाज अदा करते वक्त लोगों में 3 फीट की दूरी रहेगी जिसका लोग जाहिर तौर पर पालन नहीं करने वाले. वैसे ये मुल्ला मुफ्ती मुनीब वही थे जो रमजान के पहले दिन छत पर चांद नहीं देख सके थे, जिसके बाद उन्होंने घोषित कर दिया था कि गुरुवार का दिन रमजान का पहला दिन नहीं है.
इन सब से एक बात तो साफ है कि इमरान खान जिस नए पाकिस्तान का वादा कर सत्ता में आए थे अब वही इमरान खान अपने वादे से भटकते नजर आ रहे हैं और पाकिस्तान को अपने अस्तित्व से भी पहले के दौर में ले जा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau