संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण से तिलमिलाए पाकिस्तान ने भारत को ही 'आतंकवाद की जननी' करार दे दिया है। इतना ही नहीं कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताते हुए जनमत संग्रह कराने की भी बात कही है।
पाकिस्तान अख़बार 'द डॉन' खे मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में भारत की तरफ से दिए गए भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि भारत साउथ एशिया में 'आतंकवाद की जननी' है।
लोधी ने कहा कि भारत ने आतंकवाद को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ घेरने की नीति बना ली है। इतना ही नहीं मलीहा लोधी ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया।
लोधी ने कश्मीर को विवादास्पद इलाका बताते हुए कहा कि वो पाकिस्तान का हिस्सा है। भारत और वहां के सियासी लोग हमसे दुश्मनी रखते हैं। कश्मीर की हालत के लिए भारतीय सेना जिम्मेदार है, जो कि वहां पर मासूम कश्मीरियों पर जुल्म ढ़ा रही है।
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आगे उन्होंने कहा, 'इंडियन आर्मी कश्मीर के निर्दोष लोगों पर पेलेट गन से गोलियां बरसा रही है। संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर मसले में दखल देना चाहिए और जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह करना चाहिए। कश्मीर पर पाकिस्तान का ही हक है।'
बता दें कि शनिवार रात सुषमा स्वराज ने यूएन महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर लताड़ लगाई थी। उन्होंने कहा कि आखिर क्या वजह है कि एक साथ यात्रा शुरू करने के बाद जहां भारत दुनिया में आईटी सुपरपावर बन चुका है वहीं पाकिस्तान की पहचान आज दहशतगर्द मुल्क के तौर पर बन कर रह गई है।
स्वराज ने कहा कि जहां भारत पिछले कई सालों में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के 2030 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टिकाऊ विकास की मदद से कई योजनाओं को चला रहा है, वहीं हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान सिर्फ भारत से लड़ने की रणनीति पर चल रहा है।
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उन्होंने कहा, 'भारत ने आजादी के बाद एम्स, आईआईटी और आईआईएम बनाए। लेकिन पाकिस्तान ने IIT के मुकाबले LeT (लश्कर-ए-तैय्यबा), IIM के मुकाबले JeM (जैश-ए-मोहम्मद) और AIIMS के मुकाबले HM (हिजबुल मुजाहिद्दीन) बनाए। पाकिस्तान दहशतगर्दों का मुल्क बन कर रह गया।'
विदेश मंत्री ने कहा, 'पाकिस्तान के नेताओं को यह सवाल खुद से पूछना चाहिए कि एक साथ यात्रा शुरू करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच यह अंतर क्यों पैदा हो गया?'
सुषमा ने कहा कि आजादी के बाद भारत ने आतंक की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने घरेलू विकास को कभी रुकने नहीं दिया लेकिन पाकिस्तान ने दूसरा रास्ता ले लिया।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भूलने की आदत रही है।
इस्लामाबाद को शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र की याद दिलाते हुए सुषमा ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा दोनों देशों के बीच का है लेकिन पाकिस्तान हर बार इन समझौते को भूल जाता है।
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Source : News Nation Bureau