कंगाल पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा, अब आतंकी शिविर अफगानिस्तान सीमा पर शिफ्ट किए

जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के बेस कैंप को पाकिस्तान ने अब अफगानिस्तान सीमा पर शिफ्ट कर दिया है.

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Nihar Saxena
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कंगाल पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा, अब आतंकी शिविर अफगानिस्तान सीमा पर शिफ्ट किए

अफगानिस्तान में चल रहे पाक परस्त आतंकी शिविर.

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अगर आतंकवाद पर शिकंजा कसने की पाकिस्तान कार्रवाई को भारत सरकार महज 'दिखावा' और 'छलावा' करार दे रही है, तो वह बेवजह नहीं है. कुछ खुफिया इनपुट में कहा गया है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने आतंकी शिविर और आतंकी माड्यूल को पाक अधिकृत कश्मीर से हटा दिया है. हालिया सूचनाओं में कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के बेस कैंप को पाकिस्तान ने अब अफगानिस्तान सीमा पर शिफ्ट कर दिया है. इस खुफिया जानकारी के बाद भारत ने सबसे पहले काबुल और कंधार में भारत के राजनयिक मिशनों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दी है.

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तालिबान, हक्कानी समूह भी आए पाक परस्त आतंकी संगठनों के साथ
अंग्रेजी समाचारपत्र हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान से अफगानिस्तान के कुनार, नंगरहार, नूरिस्तान और कंधार में जैश औऱ लश्कर के बेस कैंप शिफ्ट कर दिए गए हैं. पाकिस्तान ने यह कदम संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाफिज सईद को प्रतिबंधित करने और उसके पहले पुलवामा आतंकी हमले की प्रतिक्रियास्वरूप बालाकोट में भारत की एयर स्ट्राइक के आलोक में उठाया है. यही नहीं, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने अफगान तालिबान और अफगान विद्रोही समूह, हक्कानी नेटवर्क से भी हाथ मिला लिया है. इन आतंकी संगठनों का मकसद खोई ताकत हासिल कर भारत पर बड़े आतंकी हमले करने का है.

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पाक आतंकियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
इस बाबत खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान सीमा पर डुरंड रेखा पार आतंकी संगठन अपने चरमपंथी कैडर को आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण दे रहे हैं. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को 1-2 जुलाई को 15 से अधिक जैश नेताओं और आतंकवादी फंडिंग से जुड़े पांच चैरिटी संगठनों पर कार्रवाई करने को कहा था. भारत ने पाकिस्तान को इस बार आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है और साफ किया है कि इस बार की कार्रवाई दिखावा नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान को बेनकाब करने का कोई भी मौका नहीं जाने दे रहे हैं.

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फिलहाल पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की लटकी है तलवार
गौरतलब है कि वैश्विक आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए कार्यरत संस्था फाइनेंस एक्शन ट्रास्क फोर्स (एफएटीएफ) की महत्वपूर्ण बैठक इस महीने के अंत में पेरिस में होने वाली है. पाकिस्तान पर इस संस्था की ओर से ब्लैक लिस्ट किए जाने की तलवार लटकी हुई है. ऐसे में उसने ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए भी यह कदम उठाया है. फिलहाल सीमा पार से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी समूहों को आर्थिक मदद पहुंचाने को लेकर एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला हुआ है.

HIGHLIGHTS

  • जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कैंप को पाकिस्तान ने अब अफगानिस्तान सीमा पर शिफ्ट किया.
  • आतंकी संगठनों ने अफगान तालिबान और अफगान विद्रोही समूह, हक्कानी नेटवर्क से भी हाथ मिलाया.
  • भारत के दबाव में पाकिस्तान पर एफएटीएफ में ब्लैक लिस्ट होने की लटकी है तलवार.
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