पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान के तख्ता पलट के कयासों के बीच पाकिस्तान सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में शुक्रवार को भारत के खिलाफ एक लांग मार्च का आयोजन किया. धारा 370 के मसले पर कश्मीर में सक्रिय अलगाववादियों को अपना 'नैतिक समर्थन' देने कि लिए पाकिस्तान सेना ने अपनी सरजमीं पर पल-पोस रहे आतंकियों की मदद से इस मार्च का आयोजन किया. बताते हैं कि इन आतंकवादियों को मार्च में लामबंद करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने 1.5 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
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जेकेएलएफ के सुपुर्द की गई जिम्मेदारी
पाकिस्तान सेना और सरकार की ओर से प्रायोजित इस मार्च की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के 5 शीर्ष आतंकियों के सुपुर्द की गई. ये हैं सलीम हारून, रफीक डार, राजा हवा नवाज, अब्दुल हामिद बट्ट और साजिद सिद्दिकी. इन पांच में से दो सलीम हारून और रफीक डार का ताल्लुक श्रीनगर से है. इससे एक बार फिर पुष्टि होती है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए आतंकियों को न सिर्फ सक्रिय कर रहा है, बल्कि उन्हें फंड भी मुहैया करा रहा है.
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इलियास कश्मीरी के चेले भी मार्च में शामिल
भारतीय खुफिया इनपुट्स के मुताबिक राजा हवा नवाज और साजिद सिद्दिकी नेशनल लिबरेशन आर्मी (एनएलए) के कमांडर हैं. दोनों पिछले 20 साल से भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने में लगे हैं. ये कोटली में आतंकी कैंप चलाते हैं. बताते हैं कि इन दोनों को कुख्यात कश्मीरी आतंकवादी इलियास कश्मीरी ने प्रशिक्षित कर भारत के खिलाफ जहर भरा है. इसी तर्ज पर अब्दुल हामिद बट्ट, मकबूल बट्ट के साथ 12 साल तक जेल में रहा है.
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रूबिया सईद के अपहरण करने वाले भी शामिल रहे मार्च में
पाक अधिकृत कश्मीर में निकाले गए लांग मार्च में अगर शामिल आतंकियों के इतिहास को खंगाला जाए तो साफ पता चलता है कि पाकिस्तान इन आतंकियों की मदद से भारत खासकर जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने के लगातार प्रयासों में लगा हुआ है. यहां यह याद रखना बेहतर रहेगा कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने ही नेशनल लिबरेशन आर्मी (एनएलए) बनाई थी, जिसने रूबिया सईद का अपहरण कर कांधार विमान अपहरण कांड की नींव रखी थी.
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एनएलएन ने किया था घाटी में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार
अस्सी के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत के बाद घाटी से कश्मीरी पंडितों को बेघर करने, उनके परिवार की महिलाओं और लड़कियों से बलात्कार कर सामूहिक नरसंहार के पीछे इसी एनएलए संगठन का हाथ था. इस संगठन को कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी मशाल मलिक का भी समर्थन प्राप्त है. इन्हें जैश-ए-मोहम्मद संगठन भी आर्थिक और रणनीतिक मदद मुहैया करा रहा है. कह सकते हैं कि पाकिस्तान अपने वजीर-ए-आजम इमरान खान की धमकी को अमली जामा पहनाने के लिए अब खुलेआम आतंकवादियों को फंडिंग कर कश्मीर मसले पर भारी षड्यंत्र रच रहा है.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तानी सेना ने 1.5 करोड़ रुपए खर्च कर पीओके में निकाला लांग मार्च.
- इसकी जिम्मेदारी जेकेएलएफ के पांच शीर्ष आतंकियों के सुपुर्द की गई.
- रूबिया सईद और कश्मीरी पंडितों के गुनाहगार भी शामिल रहे मार्च में.