Pakistan Economy Crisis: श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी कंगाल! जानें IMF ने क्यों खींचा हाथ

पाकिस्तान इस समय भारी आर्थिक संकट (Economic Crisis) से  जूझ रहा है. लगातार उसका विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है.  भारी कर्ज के कारण देश की अर्थव्यवस्था अंतिम सांसे ले रही है.

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Mohit Saxena
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Shehbaz Sharif

Shehbaz Sharif ( Photo Credit : ani )

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श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी कंगाली की कगार पर पहुंच चुका है. पाकिस्तान इस समय भारी आर्थिक संकट (Economic Crisis) से  जूझ रहा है. लगातार उसका विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है.  भारी कर्ज के कारण देश की अर्थव्यवस्था अंतिम सांसे ले रही हैं. पाकिस्तान की सरकार अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रही है.  मगर अब उसका साथ चीन भी नहीं दे रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार कम होने के कारण देश में आयात बहुत कम हो गया है. इस कारण जरूरत की वस्तुओं की किल्लत देखने को मिल रही है. हाल  ही में पाकिस्तान का एक वीडियो वायरल हो रहा था, इसमें आम जनता को एक आटे की ट्रक के पीछे भागते देखा गया. आटे को  लेकर आम जनता लाइनों में खड़ी हुई है. यहां पर आटा 160 रुपये किलो तक बिक रहा है. हालात इतने खराब हैं कि आटे को लेने के लिए मारामारी देखने को मिली.       

इस बीच सऊदी अरब की ओर से सहायता का अंदेशा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब का कहना है कि वह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में निवेश को बढ़ाकर दस बिलियन डॉलर तक कर सकता है. इसके साथ पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में जमा राशि की सीमा को बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर करने को कहा है.  गौरतलब है कि पकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर सऊदी अरब गए हुए हैं. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बुधवार को उनकी मुलाकात हुई थी.

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पाकिस्तान की सऊदी अरब पहले भी सहायता करता रहा है. बीते साल सऊदी अरब ने पाक को तेल के लिए दी जाने वाली वित्तीय राहत को दोगुना करने की घोषणा की थी. सऊदी अरब ने 2021 के दिसंबर माह में पाकिस्तान के स्टेट बैंक में तीन अरब डॉलर को जमा किया था. 

पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी आस लगाए बैठा है. मगर IMF ने अब तक सहायता को लेकर अपना रुक साफ नहीं किया है. पाकिस्तान और IMF के बीच 9वीं समीक्षा बैठक बीते साल अक्टूबर से ही लंबित पड़ी है. यह वार्ता कामयाब न होने के कारण IMF ने 1.1 अरब डॉलर की लोन की किश्ते दे से मना कर दिया है.  दरअसल, पाकिस्तान IMF की शर्तों पर खरा नहीं उतरा है. IMF का कहना है कि पाकिस्तान सरकार अपने खर्चों पर ब्रेक लाए. आयात पर प्रतिबंध लगाए. अतिरिक्त कर को लगाए. इसके साथ बिजली के दामों को बढ़ाए.

HIGHLIGHTS

  • विदेशी मुद्रा भंडार कम होने  से आयात बहुत कम हो गया है
  • पाकिस्तान को सऊदी अरब से मदद की आस 
  • IMF ने अब तक सहायता को लेकर अपना रुक साफ नहीं किया

Source : News Nation Bureau

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