पाकिस्तान के बेदखल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन प्रतिबंध लगाया है। शुक्रवार को यह ऐतिहासिक फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी को संविधान की धारा 62 (1)(एफ) के तहत अयोग्य करार दिया जाता है तो वह शख्स आजीवन अयोग्य रहेगा।
इस धारा के तहत किसी भी सांसद को विशेष परिस्थितियों में अयोग्य करार दिया जाता है लेकिन इसके लिये कोई समयसीमा नहीं तय की गई है ये कबतक लागू रहेगा।
इस फैसले से स्पष्ट है कि अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अब आजीवन किसी भी सार्वजनिक पद पर नहीं रह पाएंगे।
बता दें कि इसी साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य ठहराया गया कोई भी व्यक्ति राजनीति पार्टी का मुखिया नहीं रह सकता है।
धारा 62 के तहत संसद के सदस्य को 'सादिक और अमीन' (ईमानदार और नेक) होना ज़रूरी होता है। जिसके तहत नवाज़ शरीफ को 28 जुलाई, 2017 को पनामा पेपर मामले में अयोग्य घोषित किया गया था।
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इस फैसले के बाद नवाज को पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष पद से भी हाथ धोना पड़ा था।
डॉन न्यूज के मुताबिक यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मिति से सुनाया है। इस फैसले को सुनाते वक्त जस्टिस उमर अता बंदियाल ने यह फैसला सुनाने से पहले कहा, 'देश को अच्छे चरित्र वाले नेताओं की जरूरत है।'
हालांकि इसी तरह से तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद जहांगीर तरीन को भी दिसंबर, 2017 में अयोग्य घोषित किया गया था। ऐसा शख्स न तो चुनाव लड़ सकता है और न ही संसद का सदस्य बन सकता है।
बता दें पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में सुनवाई करते हुए नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। पूर्व पीएम को संविदान के अनुच्छेद 62 के तहत अपनी सैलरी को असेट के तौर पर घोषित नहीं करने का दोषी पाया गया है।
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Source : News Nation Bureau