पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे तक जाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बनाए गए करतारपुर गलियारे से पाकिस्तान को हर महीने करीब 30 लाख डॉलर तक की कमाई हो सकती है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारे पर हुए समझौते में जताए गए अनुमान के अनुसार अगर रोजाना करीब पांच हजार श्रद्धालु करतारपुर साहिब मत्था टेकने वास्तव में आने लगे तो पाकिस्तान सरकार को केवल सर्विस चार्ज के रूप में ही रोजाना करीब एक लाख डॉलर यानी महीने में करीब तीस लाख डॉलर तक की आमदनी हो सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ेगा. करतारपुर गलियारा खुलने से पाकिस्तान के लिए धार्मिक पर्यटन का पहला दरवाजा खुल जाएगा. इसमें बताया गया है कि प्रबंधन को संभालने के लिए करीब दो सौ लोगों का स्टाफ होगा. एक छोटा अस्पताल और मीडिया सेंटर भी बनाया गया है.
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गौरतलब है कि करतारपुर गलियारे को लेकर गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक समझौते पर दस्तखत हुए. समझौते के मुताबिक, रोजाना पांच हजार सिख श्रद्धालु बिना वीजे के करतारपुर आ सकेंगे. भारतीय यात्रियों को पासपोर्ट के साथ आधार कार्ड या पैन कार्ड लाना होगा. यात्रियों से बीस डॉलर सेवा शुल्क वसूला जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नौ नवंबर को इस गलियारे का उद्घाटन करेंगे.
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