कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) के मौजूदा हालात काफी भयानक दौर से गुजर रही है. उसके ऊपर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है. इसके अलावा महंगाई ने पाकिस्तान के जनजीवन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है. आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर ज्यादातर देश पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्ते नहीं रखना चाह रहे हैं. उसे वैश्विक स्तर पर व्यापार नहीं मिलने की वजह से देश के भीतर भयंकर महंगाई का सामना करना पड़ रहा है.
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IMF ने पाकिस्तान के सामने रखी शर्त
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कंगाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उसके सामने एक शर्त रख दी है. इस शर्त के मुताबिक पाकिस्तान को 2 साल में 700 अरब रुपये का टैक्स छूट वापस लेना होगा. पाकिस्तान ने IMF की इस शर्त को मान लिया है और टैक्स छूट को वापस लेने के लिए सहमति दे दी है. जानकारों के मुताबिक टैक्स छूट वापस लेने से पाकिस्तान में महंगाई के आसमान पर पहुंचने की आशंका है.
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जानकारों का कहना है कि IMF के इस शर्त से पाकिस्तान में बिजली और गैस की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी होने की आशंका है. इस कदम के बाद पाकिस्तान में महंगाई के आसमान पर और पहुंचने की आशंका है. पाकिस्तान सरकार 2019-20 के बजट में 350 अरब रुपये के करीब विभिन्न करों में दी गई छूट वापस लेना शुरू कर देगी. दोनों पक्ष पाकिस्तान में अगले बजट में उपभोक्ताओं के लिए बिजली और गैस की कीमतें बढ़ाने को लेकर सहमत हुए हैं.
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लगातार बढ़ रहा है पाकिस्तान के ऊपर कर्ज
पाकिस्तान के ऊपर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है. पाकिस्तान ने राहत पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के प्रतिनिधिमंडल के साथ तकनीकी बातचीत शुरू की है. बता दें कि IMF के प्रतिनिधियों और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच यह बातचीत करीब एक हफ्ते तक चलेगी.
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पाकिस्तान IMF से करीब 8 अरब डॉलर की मांग कर रहा है. गौरतलब है कि दिसंबर 2018 तक पाकिस्तान के ऊपर कुल बाहरी कर्ज 99 अरब डॉलर था. पाकिस्तान का यह कर्ज उसकी जीडीपी का 35.8 फीसदी है.
HIGHLIGHTS
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कंगाल पाकिस्तान के सामने शर्त रखी
- पाकिस्तान को 2 साल में 700 अरब रुपये का टैक्स छूट वापस लेना होगा
- दिसंबर 2018 तक पाकिस्तान के ऊपर कुल बाहरी कर्ज 99 अरब डॉलर था
Source : News Nation Bureau