Advertisment

OIC की बैठक में पाकिस्तान रखेगा तालिबान का पक्ष, इस्लाम के नाम मुस्लिम देशों को एकजुट करने का दांव

रविवार यानि 19 दिसंबर को पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन के देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक है.

author-image
Pradeep Singh
New Update
PM IMRAN KHAN

PM इमरान खान, पाकिस्तान( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

Advertisment

पाकिस्तान सरकार, नौकरशाही और सेना तालिबान की छवि को सुधारने के लिए हर दांव आजमा रहा है. पहले पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्री दुनिया की हिफाजत के लिए तालिबान से बात करने की बात करते थे. उनका कहना था कि तालिबान को मान्यता नहीं दी गयी तो वह अलगाव में आकर फिर पुराने ढर्रे पर जा सकता है. इसलिए दुनिया के देशों को तालिबान प्रतिनिधियों से संवाद-संपर्क स्थापित कराना चाहिए. पाक और तालिबान के झांसे में जब कोई देश नहीं आया तो अब पाकिस्तान मानवता और अफगानिस्तान के नागरिकों के हितों का हवाला दे रहा है.
 
रविवार यानि 19 दिसंबर को पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation of Islamic Cooperation-OIC)के देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक है. पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि इस बैठक में सिर्फ तालिबान और अफगानिस्तान की चर्चा हो. पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर अब तालिबान को मान्यता देने की चाल चल रहा है.

पाकिस्तान लगातार तालिबान के लिए वकालत करता आ रहा है.अब इस्लामाबाद तालिबान शासन की छवि को विदेशों में चमकाने की कोशिश में जुटा हुआ है.पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि 57 सदस्यों वाले इस्लामिक सहयोग संगठन के कई विदेश मंत्री 19 दिसंबर को इस्लामाबाद में जमा हो रहे हैं.इस बैठक का पूरा फोकस अफगानिस्तान रहने वाला है.

यह भी पढ़ें: अमेरिका में कोविड टीका लगवाने से इंकार करने वाले सैनिकों पर कार्रवाई

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सफाई देते हुए कहा है कि इस बैठक का मतलब तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता देना नहीं है. उन्होंने सभी सदस्य देशों से बैठक में भाग लेने की अपील की है. कहा है कि यह बैठक अफगानिस्तान के लोगों के लिए है. वह किसी स्पेशल ग्रुप के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान को मत छोड़िए, संपर्क बनाए रखिए.

इस बैठक में अफगानिस्तान तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी शामिल हो रहे हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि नई सरकार लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा और रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि तालिबान की ये प्रतिबद्धता चार महीने बीत जाने के बाद भी नहीं नजर आई है.

कुरैशी ने कहा है कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सहित कई विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत में चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान से बातचीत न करने से आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों को नुकसान पहुंचेगा.कुरैशी ने यह भी कहा है कि अगर अफगान को बिना मदद के छोड़ दिया जाता है तो अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन जैसे आतंकी समूह फिर से संगठित हो जाएंगे.

HIGHLIGHTS

  • 19 दिसंबर को पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक
  • तालिबान लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा और रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध
  • तालिबान की ये प्रतिबद्धता चार महीने बीत जाने के बाद भी नहीं नजर आई
pakistan taliban Organisation of Islamic Cooperation OIC PM Imran Khan Muslim Countries name of Islam
Advertisment
Advertisment