पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में मिली गौतम बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा को तोड़ दिया गया. खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का गृहराज्य है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मर्दन जिले के तख्त भाई क्षेत्र में एक घर के निर्माण के दौरान यह प्राचीन मूर्ति मिली. मूर्ति को स्थानीय मौलवी ने गैर इस्लामी करार दिया तो निर्माण में लगे श्रमिकों ने हथौड़ों से उस मूर्ति को तोड़ दिया. पाकिस्तान पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमें भी इस घटना का पता चला है. इस मामले को हमारी टीम देख रही है. वहीं, खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व और संग्रहालय के निदेशक अब्दुल समद ने कहा कि मूर्ति तोड़ने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस इलाके का इतिहास
अफगानिस्तान सीमा पर स्थित खैबर पख्तूनख्वा का इतिहास 2000 साल पुराना है. 7वीं सदी ईसापूर्व में यह गांधार महाजनपद के नाम से जाना जाता था. ईसा के 200 साल पहले बौद्ध धर्म यहाँ बहुत लोकप्रिय हुआ. मौर्यों के पतन के बाद इस इलाके को कुषाणों ने अपनी राजधानी बनाया. सातवीं सदी में चीन से आए पर्यटकों ने इस क्षेत्र का उल्लेख किया है. 11वीं सदी में इस इलाके में पहली बार इस्लाम का आगमन हुआ था.
घर के निर्माण के दौरान मिली थी मूर्ति
रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस क्षेत्र में इस घर का निर्माण कार्य चल रहा था वह प्राचीन गांधार सभ्यता का हिस्सा है. ईसा के 200 साल पहले इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म बहुत लोकप्रिय था. माना जा रहा है कि यह मूर्ति भी उसी समय के आसपास की थी. श्रमिकों के मूर्ति को तोड़ने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण है खैबर पख्तूनख्वा का यह क्षेत्र
खैबर पख्तूनख्वा का यह इलाका गांधार सभ्यता के प्राचीन अवशेषों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. 1836 में पहली बार वहां खुदाई की गई थी, जिसमें मिट्टी, प्लास्टर और टेराकोटा से बने सैकड़ों अवशेष मिले थे. हालांकि पाकिस्तानी सरकार की ओर से ध्यान न दिए जाने के कारण यह प्राचीन स्थल बदहाली झेल रहा है.
Source : News Nation Bureau