जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पत्र लिखकर भारत पर ही युद्धोन्माद फैलाने का आरोप लगा दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन सुरक्षा परिषद को लिखा है कि भारत क्षेत्रीय सुरक्षा को बिगाड़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत बिना किसी सबूत के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा है. पाक विदेश मंत्री का यह पत्र एक दिन बाद आया जब पुलवामा हमले को लेकर यूएनएससी ने इसे जघन्य और कायराना काम बताते हुए इसकी निंदा की थी.
कुरैशी ने सुरक्षा परिषद के एनेटोलियो डोंग एम्बा को संबोधित करते हुए पत्र में कहा, 'अतिआवश्यक रूप से मैं आपका ध्यान खींचना चाहता हूं, जिसमें भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ युद्धोन्माद और सेना के इस्तेमाल की धमकी से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अपनी क्रियान्वयन और नीतिगत विफलता को छिपाने के लिए पुलवामा हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगा रहा है. अपने पत्र में कुरैशी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत सरकार पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने कहा, 'सिंधु जल समझौते (आईडब्लूटी) के तहत उपलब्ध यह पुरानी व्यवस्था संकट का सामना कर रही है.' बता दें कि भारत ने सिंधु जल समझौते के तहत नदियों से पाकिस्तान को मिलने वाली पानी को 'रोकने' का फैसला किया है.
कुरैशी ने यह भी लिखा कि पाकिस्तान ने भारत को इस हमले की जांच में सहयोग देने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा, 'अगर भारत हमें हमले से जुड़े सबूतों को सौंपेगा तो पाकिस्तान सहयोग करने के लिए तैयार है.'
इससे एक दिन पहले गुरुवार को चीन सहित 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र करते हुए कहा है कि ऐसे हमलों के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाकर कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
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भारत ने भी पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा था कि उसके पास कार्रवाई के लिए कई सबूत हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, 'यह तथ्य सबसे सामने है कि जैश-ए-मोहम्मद और इसका मुखिया मसूद अजहर पाकिस्तान में स्थित है. कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान के पाकिस्तान के पास यह सबूत पर्याप्त है.'
कुरैशी ने यह भी कहा है कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत को स्थिति को बिगाड़ने से बचना चाहिए और पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau