पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सियासी समीकरणों में पिछड़ जाने के बाद अब इमरान सरकार की उम्मीदें सिर्फ सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं. सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दल बदल से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 63 (ए) की व्याख्या के लिए अर्जी दायर की. इमरान खान की सरकार बचाने के लिए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के रेफरेंस पर सुनवाई हुई. हालांकि, इमरान सरकार को कोर्ट से तत्काल राहत नहीं मिल सकी है. प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को नेशनल असेंबली की बैठक होगी.
विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वकील फारूक नायकी ने कहा कि वोट होने से पहले किसी भी संसद सदस्य पर अनुच्छेद 63A लागू नहीं किया जा सकता है. सत्तारूढ़ दल के सदस्य पीएम इमरान खान के खिलाफ मतदान कर सकते हैं. किसी संसद सदस्य को मतदान से रोकना अंतरराष्ट्रीय अधिकारों का उल्लंघन माना जाएगा.
विपक्ष के नेता और पूर्व गृह मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि इमरान खान ने अपने सारे पते खो दिए हैं. अब सभी ट्रंप को पता है कि अविश्वास प्रस्ताव है. इमरान खान पाकिस्तानी डोनाल्ड ट्रंप हैं, उन्हें निकाल दिया जाएगा. प्रधानमंत्री सबसे बड़े भगोड़े और भ्रष्ट नेता हैं. इमरान खान में हिम्मत है तो तीन दिन में अविश्वास प्रस्ताव लाए. इमरान खान अब पाकिस्तानी संस्थानों पर हमला कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau