पाकिस्तान (Pakistan) के हिंदू समुदाय (Hindu Community) ने खैबर पख्तूनख्वा (Khaibar Pakhtunkhwah) के करक जिले में पिछले दिसंबर एक मंदिर के विध्वंस में शामिल आरोपियों को माफ करने का फैसला किया है. मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, शनिवार को पेशावर में एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान हिंदू काउंसिल चेयरमैन रमेश कुमार (Ramesh Kumar, Chairman of Pakistan Hindu Council) ने कहा, समुदाय जिरगा की सिफारिशों के संदर्भ में जेल से आरोपियों की रिहाई के लिए सहायता और रोजगार मुहैया कराएगा. आपको बता दें कि ये मामला पिछले साल 30 दिसंबर का है.
30 दिसंबर, 2020 को एक अनियंत्रित भीड़ ने करक जिले के टेरी इलाके में स्थित श्री परमहंस जी महाराज की समाधि पर आग लगा दी, इससे पहले एक धार्मिक पार्टी के कुछ स्थानीय बुजुर्गों के नेतृत्व में एक हजार से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था और मंदिर को हटाने की मांग की. इस मंदिर को 1920 से पहले बनाया गया था. जनवरी में, खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने मंदिर के पुनर्निर्माण की घोषणा की थी, साथ ही हमलावरों के खिलाफ एक कार्रवाई भी की थी.
इसके पहले 1997 में भी इसे ध्वस्त किया गया था
पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने प्रांतीय सरकार को मंदिर का तत्काल पुनर्निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया. कुमार ने शनिवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना ने दुनिया भर में हिंदू समुदाय को झकझोर दिया और देश के अन्य अल्पसंख्यकों को डरा दिया, क्योंकि हाल के दिनों तक बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में ऐसी घटनाएं लगभग ना के बराबर थीं. यह दूसरी बार था जब मंदिर पर हमला किया गया था. इसे 1997 में ध्वस्त कर दिया गया था और फिर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार इसका पुनर्निर्माण किया गया था.
ये था पूरा मामला
आपको बता दें कि इसके पहले 30 दिसंबर 2020 को पाकिस्तान के खैबर पख्तून ख्वाह प्रांत में एक भीड़ ने पहले वहां स्थित एक मंदिर पर हमला किया किया और उसके बाद मंदिर में आग लगा दी. इस घटना के बाद इससे जुड़े वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए थे और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियोज में ये साफ तौर पर देखा जा सकता है कि परिसर से धुआं उठ रहा है और हमलावर ढांचे की दीवार को नुकसान पहुंचाने के लिए हथौड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तानी हिन्दुओं की दरियादिली
- मंदिर तोड़ने वाले आरोपियों को किया क्षमा
- 30 दिसंबर को तोड़ा गया था हिन्दू मंदिर