पाकिस्तान बिजनेस फोरम (पीबीएफ) ने कहा कि पाकिस्तानी रुपये की लगातार गिरावट देश में आर्थिक संकट को गहरा रही है. पीबीएफ के सीईओ अहमद जवाद ने एक बयान में कहा, बहुप्रतीक्षित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम की बहाली के बावजूद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में गिरावट जारी है. व्यापारियों के दर्द को कम करने और उद्योगों को बचाने के लिए वित्त मंत्री इशाक डार को रुपये पर एक स्पष्ट नीति की घोषणा करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, हम पर अब भी 130 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है और तीन साल में 73 अरब डॉलर बकाया है. अगले तीन साल के लिए हमारा घाटा कम से कम 20 से 30 अरब डॉलर है. इसके अतिरिक्त, मुद्रास्फीति गरीबों को मार रही है. यह एक वित्तीय आपात स्थिति है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसर, उन्होंने आगे कहा, उच्च मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और कम कमाई वाले व्यवसाय समुदाय को परेशान कर रही है और इसके बावजूद सरकार ने निर्यातकों को दी गई अपनी बिजली रियायत वापस ले ली है और जनवरी 2023 तक पेट्रोल और डीजल पर उगाही को बढ़ाकर 50 रुपये प्रति लीटर करने का अनुमान है.
उन्होंने कहा, सरकार देश की अर्थव्यवस्था के लिए सभी नकारात्मक संकेतक जीएसटी लगाने पर भी विचार कर रही है. जवाद ने कहा, बांड और मुद्रा बाजार, जिन्होंने आईएमएफ सौदे के बाद पाकिस्तान में अधिक विश्वास दिखाया था, एक बार फिर उच्च मूल्य निर्धारण कर रहे हैं, क्योंकि देश अपने विदेशी ऋण पर चूक कर रहा है. अगस्त के अंत से, सरकार के कुछ अंतरराष्ट्रीय बांडों पर प्रतिफल में एक तिहाई की वृद्धि हुई है, जबकि मुद्रा एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक है.
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Source : IANS