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पश्तून समुदाय पर जारी है पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की क्रूरता

खैबर पख्तूनख्वा के एसपी ताहिर डावर की हत्या के लिए पाकिस्तान स्टेट इंस्टीट्यूशन (संस्थान) जिम्मेदार था. वरिष्ठ पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी डावर पश्तो कवि भी थे

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Ravindra Singh
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पाकिस्तानी ऑर्मी( Photo Credit : सांकेतिक चित्र (फाइल))

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तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें एक मौत के दस्ते (डेथ स्क्वायड) का नेतृत्व करने के लिए कहा है. उसने दावा किया पाकिस्तानी एजेंसियां चाहती थीं कि वह इस दस्ते का नेतृत्व करे और पत्रकारों के साथ राज्य विरोधी तत्वों को खत्म करे. अब खुलासा हुआ है कि खैबर पख्तूनख्वा के एसपी ताहिर डावर की हत्या के लिए पाकिस्तान स्टेट इंस्टीट्यूशन (संस्थान) जिम्मेदार था. वरिष्ठ पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी डावर पश्तो कवि भी थे, जिन्हें 26 अक्टूबर, 2018 को इस्लामाबाद से अगवा कर लिया गया था और फिर उन्हें यातनाएं दी गईं और मार डाला गया. उनका शव 13 नवंबर, 2018 को अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के दुर बाबा जिले में स्थानीय लोगों द्वारा देखा गया था. 

पश्तून तहफुज आंदोलन (पीटीएम) ने राष्ट्र समर्थित संस्थानों पर डावर की हत्याओं का आरोप लगाया था और उन्हें कई लोगों ने पाकिस्तान का खाशोगी भी कहा.अब कथित हत्या के करीब दो साल बाद, भूतपूर्व टीटीपी नेता एहसान, जिसके तुर्की में छिपे होने का शक है, उसने एक ट्विटर पोस्ट में खुलासा किया है कि डावर का अपहरण कर लिया गया और खैबर के माध्यम से उन्हें अफगान सीमा पर ले जाया गया और एक उस्मान नामक आतंकवादी गुट के कमांडर को सौंप दिया गया, जिनकी बाद में हत्या कर दी गई.

पाकिस्तान में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म नया दौर टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एहसान का कहना है कि पीटीएम के प्रति सहानुभूति रखने वाले डावर की हत्या कर दी गई थी और उनके शव को ऐसी जगह पर फेंक दिया गया था, जहां हत्या को आसानी से इस्लामिक स्टेट से जोड़ा जा सके. यह एहसान का हालिया खुलासा है, जिसे इस साल की शुरुआत में जनवरी में भागने से पहले लगभग तीन साल तक एक सुरक्षित घर (सेफ हाउस) में रखा गया था.

कुछ हफ्ते पहले पूर्व पाकिस्तानी तालिबान के प्रवक्ता ने एक ऑडियो संदेश के माध्यम से कहा था कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे उन लोगों की एक हिटलिस्ट दी थी, जिन्हें वे उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में मरवाना चाहते थे. एहसान ने 12 मिनट की ऑडियो क्लिप में कहा, मुझे एक मौत के दस्ते का नेतृत्व करने के लिए कहा गया था और मुझे दी गई सूची में खैबर पख्तूनख्वा के लोग शामिल थे. एहसान ने कहा, मुझे कहा गया कि आप एक डेथ स्क्वायड को लीड करें और आप गद्दारों और मुल्क के दुश्मनों के खिलाफ काम शुरू करें. जो लिस्ट मुझे दी गई, उसमें ज्यादातर का ताल्लुक खैबर पख्तूनख्वा से था और वो सब पश्तून थे.

डेली टाइम्स की रिपोर्ट से अनुसार, एहसानुल्लाह एहसान ने दावा किया कि उसने डेथ स्क्वायड का नेतृत्व करने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहता था और इसी उद्देश्य से उसने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. दरअसल, पाकिस्तान में पश्तूनों पर अत्याचार की खबरें सामने आती रहती हैं. वह अपने संवैधानिक अधिकारों एवं मानवाधिकारों को लेकर संघर्षरत हैं. पश्तून तहफुज आंदोलन (पीटीएम) एक शांतिपूर्ण मानवाधिकार आंदोलन है, जो इस क्षेत्र को खनन करने और गैर कानूनी कार्यों व हत्याओं के खिलाफ अभियान चलाता है. यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) ने भी माना है कि पीटीएम पाकिस्तानी समाज के बीच लहर बनाने में सक्षम है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार इनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

Source : News Nation Bureau

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