एक पाकिस्तानी टीम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के साथ इसके धन शोधन रोधी और आतंक-वित्तपोषण रिपोर्ट के अंतिम मूल्यांकन मामले में आमने-सामने की बैठक के लिए बैंकॉक रवाना हो गई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को एफएटीएफ के साथ प्रारंभिक वार्ता होगी और आधिकारिक बैठक सोमवार से शुरू होगी.
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20 सदस्यीय टीम का नेतृत्व आर्थिक मामलों के संघीय मंत्री हम्माद अजहर कर रहे हैं और इसमें संघीय जांच एजेंसी, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू, पाकिस्तान प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग, एंटी नारकोटिक्स फोर्स और खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वार्ता 13 सितंबर तक जारी रहेगी और इसका परिणाम यह तय करेगा कि पाकिस्तान का नाम 'ग्रे लिस्ट' में बना रहेगा या इसे 'ब्लैक लिस्ट' में जोड़ा जाए.
एफएटीएफ के एक क्षेत्रीय संबद्ध समूह, एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) द्वारा संवर्धित इस सूची में पाकिस्तान का नाम शामिल किए जाने के मुद्दे पर भी बातचीत होगी. इस कदम का मतलब यह होगा कि पाकिस्तान को तिमाही आधार पर एपीजी को फॉलोअप रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी.
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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान को सूची से बाहर करने के लिए एपीजी के 125 सवालों के जवाब भी तलब किए गए थे. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान जिरह भी होगी. सूत्रों ने कहा कि बातचीत में पाकिस्तान के रुख को एपीजी के माध्यम से पेश किया जाएगा. पाकिस्तान धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने से जुड़े 10 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी देगा. आतंकवाद के वित्तपोषण में शामिल लोगों को दी गई सजा का विवरण भी मांगा गया है.