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विश्व बिरादरी के सामने पाकिस्‍तान की किरकिरी, कश्मीर मुद्दा बना गले की फांस

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir)से अनुच्‍छेद 370 हटाने के बाद बौखलाए पाकिस्‍तान (Pakistan) ने तो काफी उछल-कूद मचाया पर विश्व बिरादरी के सामने उसकी एक भी दलील नहीं टिकी.

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Drigraj Madheshia
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कश्मीर मुद्दे पर मात खाने के बाद बौखलाया पाकिस्तान अब चलने जा रहा ये घटिया चाल

इमरान खान का फाइल फोटो

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जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir)से अनुच्‍छेद 370 हटाने के बाद बौखलाए पाकिस्‍तान (Pakistan) ने तो काफी उछल-कूद मचाया पर विश्व बिरादरी के सामने उसकी एक भी दलील नहीं टिकी. चीन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)के लगभग सभी देशों ने उसे बैरंग लौटा दिया. अब उसे सिर्फ चीन से आस है. चीन के गिड़गिड़ाने पर कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र शुक्रवार को बैठक करने जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब कश्मीर मुद्दे पर कोई बैठक होने जा रही है. हालांकि दूसरी बैठक 1971 की पहली बैठक से कई मायनों में भिन्न है. यूएनएससी में 1969-71 में 'सिचुएशन इन द इंडिया/पाकिस्‍तान (Pakistan) सबकॉन्टिनेंट' विषय के तहत कश्मीर का मुद्दा उठाया गया था.

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) में कुल 15 सदस्य हैं. इनमें 5 स्थाई और 10 अस्थाई हैं. अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल कुछ वर्षों के लिए होता है जबकि स्थाई सदस्य हमेशा के लिए होते हैं. स्थाई सदस्यों में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं. अस्थाई देशों में बेल्जियम, कोट डीवोएर, डोमिनिक रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गुएनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड और साउथ अफ्रीका जैसे देश हैं.

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स्थाई सदस्यों में चीन को छोड़ रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने पाकिस्‍तान (Pakistan) को झटका दिया है. इन देशों ने साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दा हिंदुस्तान और पाकिस्‍तान (Pakistan) का आंतरिक मसला है.

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जहां तक चीन का सवाल है तो पाकिस्‍तान (Pakistan) के साथ उसके व्‍यापारिक हित हैं. पाकिस्‍तान (Pakistan) आतंकी कई देशों में कोहराम मचा चुके हैं लेकिन अभी तक उन्होंने किसी चीनी नागरिक को नहीं छुआ है. इसलिए चीन हर नफा-नुकसान देखते हुए पहले विकल्प में टिकना चाहता है.

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10 अस्थाई देशों में पोलैंड केवल पाकिस्‍तान (Pakistan) के साथ खड़ा दिख रहा है. हालांकि यह उसकी राजनयिक मजबूरी है. उसने भारत और पाकिस्‍तान (Pakistan) के इस बखेड़े से खुद को काफी दूर रखा है लेकिन पोलैंड चूंकि इस वक्त यूएनएससी का रोटेटिंग प्रेसिडेंट है, इसलिए उसके सामने बैठक कराना ही अंतिम विकल्प है.पोलैंड के अलावा डोमिनिक रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गुएनी, जर्मनी, बेल्जियम, कोट डीवोएर, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू और साउथ अफ्रीका पाकिस्‍तान (Pakistan) को पूरी तरह नकार चुके हैं.

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भारत की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्‍तान (Pakistan) ने यूएनएससी से कश्मीर मसले पर बैठक बुलाने की मांग की थी. अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधानों के तहत ही जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir)को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था. सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर भारत के इस रुख का समर्थन किया है कि यह विवाद भारत और पाकिस्‍तान (Pakistan) के बीच द्विपक्षीय मसला है. 

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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