जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर भारत का चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है. इस हमले के लिए आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर नुकसान उठा चुके पाकिस्तान को अब इसके जवाब में भारत की तरफ से किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई का भय सता रहा जिसको लेकर इस्लामाबाद में इमरान सरकार ने सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. पीएम इमरान खान के नेतृत्व में हुए एनएससी की बैठक में वहां की सेना के प्रमुख जनरल बाजवा, खुफिया विभाग के चीफ, रक्षा मंत्री परवेज खटक, गृह राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी समेत कई मंत्री मौजूद रहे.
मीटिंग को लेकर इमरान खान की पार्टी पीटीआई (पाकिस्तान तहीरीके इंसाफ) की तरफ से जो जानकारी दी गई और ट्वीट किया गया उसके मुताबिक इमरान खान ने पाकिस्तान सेना को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है. इसके साथ ही भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई पर जवाब देने के लिए खुली छूट दी है. पीटीआई के मुताबिक अगर भारत कोई भी कार्रवाई करता है तो पाकिस्तान सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी.
पाकिस्तानी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग में कथित तौर पर भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव पर इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस के आने वाले फैसले को लेकर भी गंभीरता से मंथन हुआ. पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को भारत का जासूस और और वहां आतंकी वारदातों में शामिल होने का दोषी मानता है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की इस मीटिंग से पहले भारत ने शुक्रवार को ही दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब किया था. भारत ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर महमूद के सामने कड़ा ऐतराज जताया और उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई.
वहीं दूसरी तरफ भारत पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले उसे कूटनीतिक स्तर पर कमजोर करने में लगा हुआ जो बेहद सफल भी हो रहा है. आज भारत ने अपने हिस्से में तीन नदियों के पानी जो पाकिस्तान की तरफ बहता है उसे पंजाब की तरफ मोड़ने का फैसला किया है. इतना ही नहीं भारत पहले ही पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन चुका है और पाकिस्तान से आने वाले सामान पर भी इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया है. इससे पाकिस्तान की आर्थिक तौर पर कमर टूटती हुई दिख रही है क्योंकि वाघा अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान से आने वाले अरबों के सीमेंट और छुहारे से लटे करीब 300 से ज्यादा ट्रक खड़े हैं जिन्हें भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया है. इससे पाकिस्तान के कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.