विश्व स्वास्थ्य संगठन के तहत काम करने वाली संस्था टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ने पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को विफलता की ओर अग्रसर बताते हुए इसे दुनिया के लिए घातक करार दिया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मामले से जुड़े विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो के कई नए मामलों के सामने आने पर गंभीर चिंता जताते हुए इस प्रांत की स्थिति को दुनिया में पोलियो उन्मूलन की राह में एक बड़ी रुकावट बताया है. उनका कहना है कि इस प्रांत के पोलियो इमरजेंसी सेंटर का संघीय केंद्रों से कोई तालमेल नहीं है.
प्रांत में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी बाबर बिन अता ने 'वायस आफ अमेरिका' से कहा कि पोलियो का वायरस और इसका फैलाव उन्हें 'विरासत' में मिला है जिससे निपटने के लिए वह और उनकी टीम टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के बताए रास्ते पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप खुद पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम का हिस्सा है, ऐसे में सिर्फ पाकिस्तान को इस नाकामी के लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है.
पोलियो उन्मूलन के लिए सक्रिय टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के सदस्य साल में दो बार ऐसे देशों का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लेते हैं जहां पोलियो का खात्मा नहीं किया जा सका है. पाकिस्तान में पोलियो इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा में तो हालात गंभीर हैं ही, देश के अन्य हिस्सों में भी पोलियो के कई नए मामले सामने आए हैं. इस साल अब तक पोलियो के 62 नए मामले सामने आ चुके हैं. इनमें 46 खैबर पख्तूनख्वा के हैं और पांच पंजाब, चार बलूचिस्तान और छह मामले सिंध प्रांत के हैं.
देश में पोलियो कार्यक्रम के विफल होने की वजहों में अभियान के संचालन में कई खामियां, स्वास्थ्य शिक्षा का अभाव, पोलियो ड्राप देने वालों के प्रशिक्षण में कमी और उन अफवाहों का बड़ा हाथ है जिनमें कहा गया कि इसकी दवा बच्चों के लिए घातक है और जिसके बाद अभिभावक इससे बचने लगे.
Source : आईएएनएस