पाकिस्तान के सर्वोच्च अदालत ने बीते सप्ताह सौंपी गई संयुक्त जांच दल की रपट पर सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को पनामा दस्तावेज मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यूज इंटरनेशनल की रपट के मुताबिक, अदालत का यह आदेश संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा सौंपी गई अंतिम रपट की समीक्षा के बाद आया है, जिसे पहले जांच समिति के अनुरोध पर गुप्त रखा गया था।
तीन सदस्यीय विशेष क्रियान्वयन पीठ द्वारा सुनवाई शुरू करने के तुरंत बाद, पीठ ने जेआईटी रपट के खंड 10 को अदालत में तलब किया और इसमें शामिल दस्तावेजों की समीक्षा के लिए इसे खोला।
अदालत ने इसके बाद दस्तावेज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस को दिया और उन्हें खंड के विशिष्ट वर्गो की जांच करने को कहा।
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जेआईटी रपट के 10 जुलाई को जमा होने के बाद यह लगातार पांचवी सुनवाई है।
खंडपीठ ने कहा कि यह कानून के तहत सख्ती से काम करेगा और किसी के व्यक्तिगत अधिकारों को नहीं रौंदेगा।
इससे पहले न्यायमूर्ति अजमत सईद शेख ने कहा, 'हर चीज सार्वजनिक की जाएंगी और खंड 10 खोला जाएगा।'
जेआईटी की रपट तैयार करने की अगुवाई करने वाले संघीय जांच एजेंसी के अतिरिक्त निदेशक वाजिद जिया ने इससे पहले अदालत से आग्रह किया था कि खंड 10 को सार्वजनिक नहीं किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा था कि इसका आगे जांच में इस्तेमाल किया जाएगा।
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Source : IANS