जम्मू-कश्मीर के विभाजन की सुगबुगाहट पर बौखलाया पाकिस्तान

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, कब्जे के किसी भी नए साधन का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Pakistan

बाज नहीं आएगा नापाक पाकिस्तान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का एक बार फिर से विभाजन और भौगोलिक स्थिति में परिवर्तन किए जाने की खबरों के बीच, पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह से भड़क गया है. पाकिस्तान ने भारत को अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर (आईआईओजेके) में अपने अवैध कब्जे को बनाए रखने के लिए जनसांख्यिकीय परिवर्तन करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ नई दिल्ली को चेतावनी दी है. बता दें कि पाकिस्तान भारत के अभिन्न अंग जम्मू एवं कश्मीर को अवैध रूप से कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर कहता है. पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक भारत (India) इस मुद्दे की समीक्षा नहीं करता और 5 अगस्त, 2019 के अपने फैसले को उलट नहीं देता, तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती है.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालयने जारी किया बयान
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, कब्जे के किसी भी नए साधन का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों में निहित आईआईओजेके की विवादित स्थिति को नहीं बदल सकता है और न ही वह पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों को अवैध बात मानने के लिए बाध्य कर सकता है. हालांकि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने यह उल्लेख नहीं किया कि भारत सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में कौन से नए बदलाव लाए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः राहत : लगातार दूसरे दिन एक लाख से कम नए केस, बीते 24 घंटे में 2219 मौतें

इससे संवाद की उम्मीदें हुईं फीकी
बयान ने निश्चित रूप से संवाद की उन उम्मीदों को फीका कर दिया है, जिसे हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने साझा किया था, जिन्होंने कहा था कि पाकिस्तान नई दिल्ली से बातचीत करने के लिए तैयार है लेकिन उससे पहले भारत को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने को लेकर रोडमैप देना होगा. नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हाल ही में संघर्षविराम की बहाली ने दो परमाणु शक्ति वाले देशों के बीच तनाव को कुछ कम जरूर किया है, जो कुछ समय से एक-दूसरे के खिलाफ नजरें गड़ाए हुए थे.

संयुक्त राष्ट्र की दी दुहाई
खान का हालिया बयान भी दोनों देशों के बीच बातचीत की ओर उम्मीदों को आगे बढ़ाता हुआ प्रतीत होता है. हालांकि, विदेश कार्यालय के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत-पाक संबंधों में किसी भी सकारात्मक प्रगति की उम्मीदें उम्मीद के रूप में ही रह सकती हैं. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के बयान में कहा गया है, हम भारत से उसके गैरकानूनी और अस्थिर करने वाले कार्यों को उलटने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरे में डालने वाले किसी भी कदम से परहेज करने का आग्रह करते हैं.

यह भी पढ़ेंः : हादसे के वक्त शराब के नशे था बस चालक, लगाए थे पेट्रोल पंप के ही 3 चक्कर

दुनिया से किया हस्तक्षेप का आग्रह
बयान में यह भी कहा गया है, हम संयुक्त राष्ट्र, वैश्विक संसदों, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय संगठनों एवं वैश्विक मीडिया सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से स्थिति का तत्काल संज्ञान लेने का आह्वान करते हैं. भारत को कब्जे वाले क्षेत्र में आगे किसी भी अवैध कार्रवाई से रोका जाना चाहिए. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान आए दिन किसी न किसी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाता रहता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गुजारिश करता रहता है कि वह इस पर संज्ञान ले. हालांकि भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि यह उसके देश का अंदरूनी मामला है, जिस पर उसे फैसला लेने की पूरी स्वतंत्रता है.

HIGHLIGHTS

  • सूबे में जनसांख्यिकीय परिवर्तन करने पर दी चेतावनी
  • दुनिया से मसले पर हस्तक्षेप की लगाई गुहार
  • बयान जारी करने पर संवाद की उम्मीदों पर संशय
INDIA pakistan jammu-kashmir पाकिस्तान भारत World जम्मू कश्मीर Demographic Change जनसांख्यिकी परिवर्तन
Advertisment
Advertisment
Advertisment