संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने 'इस्लामोफोबिया' पर पूरी की पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को इस्लाम का पाठ पढ़ाया था. उनका तर्क था कि हर मुसलमान आतंकी नहीं है, फिर भी हर मुसलमान को संदेह की नजरों से देखा जाता है. यह अलग बात है कि फ्रांस की राजधानी पेरिस के पुलिस मुख्यालय में गुरुवार को हुई चाकूबाजी को अंजाम देने वाले शख्स ने 18 महीने पहले ही इस्लाम धर्म ग्रहण किया था. इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि फ्रांसीसी सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि फिलहाल इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि पुलिस मुख्यालय में हुआ हमला आतंकवाद से प्रेरित है.
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चार लोग मारे गए थे चाकूबाजी में
गौरतलब है कि गुरुवार को पेरिस पुलिस मुख्यालय के अंदर चाकू से हमला करने वाला शख्स खुद वहीं काम करता था. मारे गए लोगों में तीन पुलिस अधिकारी और एक प्रशासनिक सहायक शामिल है, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है, हालांकि, पुलिस ने हमलावर को मार गिराया था. पेरिस के प्रोसीक्यूटर रेमी हेटिज ने बताया कि हमलावर 2003 से ही पुलिस मुख्यालय में काम कर रहा था. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. यहीं नहीं, हमलावर के घर की तलाशी भी ली गई है.
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18 महीने पहले ही अपनाया था इस्लाम धर्म
फ्रांस के स्थानीय मीडिया के मुताबिक 45 वर्षीय हमलावर पेरिस पुलिस की खुफिया इकाई में प्रौद्योगिकी प्रशासक बतौर काम कर रहा था. जांच में पता चला है कि उसने 18 महीने पहले ही इस्लाम अपनाया था. हमलावर की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उसके पति बहरे थे. गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय पर हुए हमले के बाद मेट्रो स्टेशन को सुरक्षा कारणों के कारण बंद कर दिया गया था. साथ ही महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
HIGHLIGHTS
- पेरिस मुख्यालय में कार्यरत शख्स ने चाकू मार की चार की हत्या.
- 18 महीने पहले ही मारे गए आरोपी ने अपनाया था इस्लाम धर्म.
- हालांकि पेरिस पुलिस ने फिलहाल आतंकी घटना मानने से किया इंकार.