पाकिस्तान के इस्लामाबाद में प्रेस क्लब के बाहर हजारों पश्तून लोगों ने इकट्ठा होकर अपनी आजादी की मांग में आवाज बुलंद की। पश्तून समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान में उनके खिलाफ होने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन को मुद्दा बनाते हुए देश से अलग होने की मांग की।
हजारों की संख्या में पश्तूनी नागरिकों ने 13 जनवरी को कराची में हुए एक फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पश्तून नाकीब महसूद के लिए लंबी पैदल यात्रा निकाली। इस विरोध यात्रा में करीब 10 हजार से ज्यादा पश्तून युवा शामित हुए थे।
पुलिस ने नाकीब के खिलाफ लश्कर-ए-झांगवी और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी समूहों के साथ संबंध होने के आरोप भी लगाए हैं।
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पुलिस के इस दावे के खिलाफ नाकीब के परिवारवालों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद सिंध प्रात की सरकार ने मुठभेड़ की सत्यता पता लगाने के लिए एक जांच कमेटी बनाई है। जांच के बाद आयोग ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए नाकीब महसूद को निर्दोष करार दिया।
इस घटना के सामने आने के बाद वजीरीस्तान के पश्तून युवाओं ने 26 जनवरी को देश में मानवाधिकारों उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ खैबर पख्तूनख्वा से लंबी यात्रा शुरू की।
प्रदर्शनकारियों ने जोरदार ढंग से पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना पश्तूनों को खत्म करने के लिए काम कर रही है।
प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, मानव अधिकारों का उल्लंघन और फाटा में चल रहे पश्तून नरसंहार के बारे में तुरंत संज्ञान लेने की मांग की।
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Source : News Nation Bureau