छह बिलियन डॉलर के ऋण पैकेज के लिए पाई-पाई को तरस रहे पाकिस्तान अगले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी चर्चा का पांच दिवसीय राउंड 4 अक्टूबर को वर्चुअली शुरू होगा, जिसमें आईएमएफ की टीम दोहा, कतर में शामिल होगी. बातचीत के बाद पाकिस्तान को आईएमएफ की ओर से 1 बिलियन डॉलर की तत्काल सुविधा मिलेगी. पाकिस्तान और आईएमएफ ने जुलाई 2019 में 6 बिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन यह कार्यक्रम जनवरी 2020 में पटरी से उतर गया था. इस साल मार्च में कुछ समय के लिए वार्ता हुई, लेकिन जून में फिर से पटरी से उतर गई. जून से अगस्त तक दोनों पक्षों के बीच कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई है.
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सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री शौकत तारिन 15 अक्टूबर को वाशिंगटन में शीर्ष आईएमएफ प्रबंधन के साथ आमने-सामने की बैठकों में बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है. हालांकि आईएमएफ ने अभी तक इस बैठक के लिए अपनी इच्छा व्यक्त नहीं की है और इसके बजाय 13 से 15 अक्टूबर के लिए वर्चुअल बैठकों का प्रस्ताव रखा है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, फिलहाल बातचीत का यह कार्यक्रम अस्थायी है और इसे अगले सप्ताह अंतिम रूप दिया जाएगा.
नीति स्तर की यह वार्ता 11 से 17 अक्टूबर तक होने वाली वार्षिक आईएमएफ-डब्ल्यूबी बैठकों के साथ मेल खा रही है. वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर इस बैठक के लिए आईएमएफ के शीर्ष प्रबंधन से एक निश्चित तारीख प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वाशिंगटन में 13-15 अक्टूबर के बातचीत को लेकर फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है. मंत्रालय ने आईएमएफ के प्रबंध निदेशक के साथ बैठक के लिए पाकिस्तान के अनुरोध के संबंध में एक अन्य सवाल का भी जवाब देने से इनकार कर दिया.
पाक वित्त मंत्री 12 से 17 अक्टूबर तक वाशिंगटन का दौरा करेंगे
वहीं वित्त मंत्री तारिन ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह वार्षिक बैठकों से इतर आईएमएफ के शीर्ष प्रबंधन के साथ बातचीत करने के लिए 12 से 17 अक्टूबर तक वाशिंगटन का दौरा करेंगे. सूत्रों ने कहा कि हाल की बातचीत के दौरान वित्त मंत्रालय ने आईएमएफ की मांगों को स्वीकार करने में कुछ नरमी दिखाई, क्योंकि बातचीत में चार महीने का गतिरोध सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा था, जो कि बचाए रखने के लिए विदेशी ऋणों पर बहुत अधिक निर्भर है.
पाक पर बिजली बिल बढ़ाने का होगा दबाव
बातचीत के दौरान दोनों पक्ष बिजली की कीमतों में वृद्धि के विवादास्पद मुद्दे पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे. हाल की बातचीत के दौरान आईएमएफ ने बताया कि पाकिस्तान को बिजली शुल्क बढ़ाना होगा, क्योंकि कर्मचारी प्रबंधन और आईएमएफ बोर्ड के सामने अपनी स्थिति से हट नहीं सकते थे. एक और महत्वपूर्ण सवाल जो आने वाले दो हफ्तों में तय किया जाएगा वह यह है कि क्या पाकिस्तान सितंबर 2022 के अपने मूल कार्यक्रम में आईएमएफ कार्यक्रम से बाहर निकलना चाहता है या उसे शेष 4 बिलियन डॉलर का ऋण प्राप्त करने के लिए विस्तार की आवश्यकता है. रिपोर्ट के अनुसार, सरकार चाहती है कि आईएमएफ संवितरण कैलेंडर को आगे बढ़ाए और ऋण किश्तों का आकार बढ़ाए. पाकिस्तान ने इस वित्तीय वर्ष में आईएमएफ से ₹400 बिलियन या $3.1 बिलियन से अधिक का बजट रखा है.
प्रधानमंत्री आवास किराए पर देने का किया था ऐलान
वर्तमान में पाकिस्तान भीषण वित्तीय संकट से गुजर रहा है. हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस्लामाबाद स्थित सरकारी आवास को रियल स्टेट के क्षेत्र में किराए पर दिए जाने की घोषणा कर दी थी. इससे पहले तहरीक-पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) ने अगस्त, 2019 में प्रधानमंत्री आवास को एक विश्वविद्यालय में बदलने की घोषणा की थी. सरकार के इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान की काफी किरकिरी हुई थी.
HIGHLIGHTS
- जनवरी 2020 में पटरी से उतर गई थी दोनों पक्षों के बीच बातचीत
- जून से अगस्त तक दोनों पक्षों के बीच कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई
- वाशिंगटन में होने वाली बातचीत को लेकर चल रही हैं अटकलें