टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने बनाया प्लान, ये अरबपत‍ि समुद्र तल से 12 हजार फुट नीचे उतरेंगे

टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए दो अरबपतियों ने योजना तैयार की है. तलहटी में जाने के लिए पनडुब्बी की सहायता ली जाएगी.

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Mohit Saxena
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Titanic ship

Titanic ship( Photo Credit : social media)

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टाइटैनिक जहाज के डूबने की घटना इतिहास के पन्नों में आज भी सबसे भयावह घटनाओं में रही है. करीब 113 साल पहले इंग्लैंड के साउथम्पैटन से अमेरिका के न्यूयॉर्क की ओर जा रहा टाइटैनिक अटलां​टिक महासागर में डूब गया था. उस समय आधी रात का समय था. जहाज में सवार अधिकतर यात्री गहरी नींद की आगोश में थे. इसे दुनिया का सबसे भयानक हादसों में गिना गया. इसमें करीब 1500 लोग मारे गए. यह जहाज समुद्र के तलहटी में करीब 12 हजार फुट के नीचे दब गया. नीचे जाकर ये दो हिस्सों में बट गया. 

1985 में जहाज के मलबे को निकालने की कोशिश की गई. मगर इस बड़े जहाज के कई हिस्से आज भी समुद्र की तलहटी में दबे हुए हैं. इसे लेकर तमाम रहस्य आज भी बरकरार हैं. ऐसे में कई लोगों की इच्छा होती है कि वे उस जगह पर जाएं और टाइटैनिक के टुकड़े देखें. लोगों को यहां तक पहुंचने के लिए साहस होना जरूरी है. इसके साथ हर किसी के पास इतने पैसा नहीं होता है कि वह हिम्मत जुटा पाता है. हाल ही में  दो अमेर‍िकी अरबपत‍ियों ने टाइटैनिक के टुकड़े देखने को लिए समुद्र को उतरने की घोषणा की है. 

12,467 फीट गहराई में जाने की तैयारी है 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेर‍िकी शहर ओह‍ियो के अरबपति लैरी कॉनर और ट्राइटन सबमरीन के माल‍िक पैट्रिक लाहे ने यह योजना बनाई है. पैट्रिक लाहे ने कहा कि हम जहाज के अवशेष देखने के लिए पनडुब्‍बी का सहारा लेंगे. अटलांटिक महासागर में 12,467 फीट की गहराई तक जाएंगे. बीते साल भी ऐसे प्रयास किए गए थे. मगर एक जहाज रास्‍ते में हादसे का शिकार हो गया था. इसमें सवार पांच लोगों की मौत हो गई. इसमें एक पाकिस्तानी व्यवसायी शहज़ादा दाऊद भी था. 

4000 मीटर तक नीचे तक जाने में सक्षम है पनडुब्‍बी

अरबपति लैरी कॉनर की ओर से बयान सामने सामने आया ​कि यह यात्रा तभी होगी, जब जहाज को किसी समुद्री संगठन की ओर से प्रमाणित कर दिया जाएगा. टीम ट्राइटन 4000/2 एबिसल एक्सप्लोरर पनडुब्बी से जाने की योजना बनाई जा रही है. यह 4 हजार मीटर की गहराई तक उतर सकता है. ओशनगेट टाइटन पनडुब्बी कार्बन फाइबर से ​तैयार हुई थी. सिर्फ 1,300 मीटर जाने को लेकर प्रमाणपत्र मिला था. टाइटैनिक का मलबा 3,800 मीटर नीचे है. कॉनर का कहना है कि महासागर अत्यंत शक्तिशाली है. वे दुनिया को दिखाना चाहते हैं ​कि अगर आप सही तरीके से जाएंगे तो इस आनंददायक पल का मजा लेंगे. 

Source : News Nation Bureau

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