नेपाल सरकार ने शनिवार को एक बार फिर दावा किया है कि लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाली क्षेत्र हैं. संसद में नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने कहा कि नेपाल सरकार अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए तैयार है. लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के क्षेत्र नेपाली हैं और सरकार को इसके बारे में अच्छी समझ है. सीमा का मुद्दा संवेदनशील है और हम समझते हैं कि इसे कूटनीतिक माध्यमों से बातचीत और बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नेपाल गुटनिरपेक्ष विदेश नीति अपनाता रहा है. नेपाल सरकार ने हमेशा राष्ट्रीय हित को सामने रखा है और अपने पड़ोसियों और अन्य देशों में पारस्परिक लाभ के मुद्दों पर काम किया है.
संसद में नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने कहा कि इस पर कार्रवाई करते हुए हम राजनयिक माध्यमों से अपने प्रयास कर रहे हैं. सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और नीतियों में इस मुद्दे को उचित स्थान दिया गया है.
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लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास है, जो नेपाल और भारत की सीमा पर है. भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपने अधिकार क्षेत्र में अभिन्न अंग बताते हैं. भारत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के हिस्से के रूप में इसे दिखाता है वहीं, नेपाल धारचूला जिले का इसे हिस्सा बनाता है.